हद कर दी यूँ दूर रहकर,
मै फिर भी हद से न गुज़रा यह अलग बता है !
अब और कितना गम सहूँ तुझसे दूर होने का?
अब तलक सहता रहा यह अलग बात है !!
सोचा न था तेरे प्यार में तडपना पड़ेगा,
इतना तड़प होने के बाद पता चला यह अलग बात है!
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अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
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