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24.11.11

पवार को थप्पड के मायने

कुछ लोग शरद पवार को थप्पड मारने वाले को शाबाशी दे रहे हैं, खुल कर पर नाज जाहिर कर रहे हैं, माना कि जो कुछ हो रहा है वह जाहिर तौर पर जन आक्रोश ही हे, वह सब वक्त की नजाकत है, उसके लिए पूरा सिस्टम जिम्मेदार है, मगर ऐसी हरकतों का समर्थन करके आज भले ही गौरवान्वित हो लें, मगर कल हम अराजकता के लिए तैयार रहें, अचरज तो तब होता है जब अपने आपको गांधीवादी कहने वाले अन्ना हजारे भी यह कह कर अराजकता का समर्थन कर रहे हैं कि बस एक ही थप्पड, यदि यह सही है तो हमको पाकिस्तान जैसी सैनिक क्रांति या मिस्र जैसी क्रांति के लिए तैयार रहना चाहिए

2 comments:

Shikha Kaushik said...

sateek v sarthak bat kahi hai aapne .bhartiy yuvaon ko savdhan rahna hoga .aabhar

Shri Sitaram Rasoi said...

यह सत्य है कि किसी नेता को थप्पड़ नहीं मारना चाहिये। उसे शाबाशी भी नहीं देना चाहिये। हां अगले इलेक्शन में बुद्धिजीवी, पढ़े लिखे लोगों को शत प्रतिशत मतदान करके साबित कर देना चाहिये कि असली वोट बैंक हम हैं। ताकि नेता अपनी खाल में रह सकें देश के विकास पर ध्यान दें।
डॉ. ओम