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2.1.12

जय हो भ्रष्टाचार प्रभु की !


जय हो भ्रष्टाचार प्रभु की !
   


अपने भक्तों का तू ही रखवाला है ;
तेरेमंत्रों की जपते माला हैं ;
जिसकी चाबी बनी न ऐसा ताला है;
कभी 2G ...... कभी तू हवाला है .


तेरे भक्तों में ''राजा''हैं ...''जोगी''भी 
तेरी भक्ति में डूबी कनिमोझी भी 
सीधे-साधे नहीं ये खिलाडी हैं ;
तेरे चरणों में कई ''कलमाड़ी ''हैं ;
तूने भूखों से छीना निवाला है .
भ्रष्टाचार तेरा .......


तूने भक्तों का भाग संवारा है ;
तेरी भक्ति में खा गए ये चारा हैं ;
तेरे आगे  खड़े रहते हाथ जोड़कर  ;
जेल जाते हैं महलों के सुख  छोड़कर ;
तू तो कर देता जादू काला है .
भ्रष्टाचार तेरा ........
                            shikha  kaushik
                             



4 comments:

अजित गुप्ता का कोना said...

भ्रष्‍टाचारी तो ज्‍यादा ही भक्ति करते हैं। बढिया है।

virendra sharma said...

परिवेश पर करारा व्यंग्य .नव वर्ष मुबाराक आपको मय परिवार .

Dr.R.Ramkumar said...

जय हो भ्रष्टाचार प्रभु की !
अपने भक्तों का तू ही रखवाला है ;
तेरेमंत्रों की जपते माला हैं ;
जिसकी चाबी बनी न ऐसा ताला है;

बढ़िया
करारा

नया साल शुभ हो

Shikha Kaushik said...

ajit ji ,veerubhai ji ;ramkumar ji -bahut bahut dhanyvad .nav varsh aap sabhi ko bhi bahut shubh v mangalmay ho aisi prabhu se kamna hai .