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9.4.19

भाजपा का संकल्प पत्र देश को साम्प्रदायिक आधार पर बाँटने का दस्तावेज

आज केंद्र की सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने अपना चुनावी घोषणापत्र संकल्प पत्र नाम से जारी किया| इस संकल्प पत्र में देश की 20% जनसंख्या को ठेंगा (नज़रंदाज़) दिखाया गया है| इससे स्पष्ट है कि भाजपा अपने पूर्वज विनायक दामोदर सावरकर की द्विराष्ट्र का सिधांत (टू नेशन थ्योरी) पर पूरी तरह से अडिग हैं व उसको लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रही है| अभी भाजपा की नीति देश के अल्पसंख्यक समुदाय को योजनाबद्ध ढंग से कुचलने की है|

भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 से 30, अनुच्छेद 37,38,46, 51(अ), 347,350 का स्पष्ट उल्लंघन कर अल्पसंख्यकों को और वंचित, अप्रासंगिक कर देश में समरसता को कमज़ोर करने व सही मायनों में ये संकल्प पत्र देश की मूलभूत प्रश्नों शिक्षा, रोज़गार, सम्मान, भागीदारी को नज़रअंदाज़ करता है|

इस संकल्प पत्र के 75 संकल्पों में प्राथमिक शिक्षा का अधिकार, अल्पसंख्यकों का विकास, बाल अधिकार जैसे अति महत्वपूर्ण विषयों पर कोई संकल्प ना होना आने वाले समय में इन वर्गों का सरकार द्वारा नज़रंदाज़ किया जाना तय हो गया है|

ये खुलमखुल्ला संविधान की मूल भावना के साथ खिलवाड़ है| माइनॉरिटी कोआर्डिनेशन कमेटी भाजपा के इस संकल्प पत्र में मूल प्रश्नों पर कोई विज़न न होने पर निंदा करता है और मांग करता है कि अपने संकल्प पत्र में इन मूल प्रश्नों को शामिल करें व देश के संविधान का सम्मान करें|

माइनॉरिटी कोआर्डिनेशन कमेटी द्वारा जारी प्रेस नोट

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