प्रवेश कुमार
मौजूदा समय में हमारा देश नया भारत का रूप धारण कर चुका है. नया भारत मानना भी क्यों नहीं चाहिए क्योंकि हमारा देश तरक्की के रास्ते पर है. लेकिन इस नए भारत में क्या क्या नया हो रहा है, इसका कोई भी अंदाजा नहीं लगा सकता क्योंकि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास समय ही नहीं होता कि वह अपने दिन के 5 मिनट अपने देश के लिए सोच सके. इस समय हमारा देश भुखमरी, बेरोजगारी, किसानों द्वारा आत्महत्या, बलात्कार, प्रदूषण, भ्रष्टाचार, आतंकवादी हमला इन सभी कार्यों में अव्वल दर्जे पर है. तो क्या यह नया भारत है? इन सभी अव्वल दर्जे के कार्य को नए भारत के नए लोगों को जानना बहुत जरूरी है क्योंकि क्या पता नए भारत के लोग किस भ्रम में जी रहे हैं.
ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक भुखमरी के मामले में हमारा भारत 119 देशों की सूची में 103 वें स्थान पर है. भारत एशिया में सिर्फ अफगानिस्तान और पाकिस्तान(106) से आगे है. परंतु भारत के हालात तो श्रीलंका (67), नेपाल (72), म्यानमार (68) और बांग्लादेश (86) से भी बुरे हैं. नया भारत बनने से पहले 2014 में भारत का स्थान भुखमरी के मामले में 55 वां था. जब नए भारत की शुरुआत हुई तब 2018 से सीधा 103 वें पायदान पर पहुंच गया.
रोजगार देने के मामले में नए भारत ने अपने ही देश का 45 साल का रिकॉर्ड तोड़ डाला. देश में रोजगार से जुड़ी नेशनल सैम्पल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) की रिपोर्ट के मुताबिक 2017-18 में बेरोजगारी दर ग्रामीण क्षेत्रों में 5.3% और शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा 7.8% रही. इनमें नौजवान बेरोजगार सबसे ज्यादा थे, जिनकी संख्या 13% से 27% थी. जनवरी में यह आंकड़े 7.2% तक पहुंच गए. 2011-12 में बेरोजगारी दर 2.2% थी. जबकि 1972-73 में यह सबसे ज्यादा थी. CMIE की रिपोर्ट के मुताबिक हालात तो तब और ज्यादा भयावह हो गए जब नोटबंदी और जीएसटी से 1.1 करोड़ लोगों का रोजगार छिन गया. इससे पहले नए भारत के नए नेताओं ने 2 करोड़ नौकरी देने का वादा किया था.
नया भारत किसानों के लिए तो एक अभिशाप सिद्ध हुआ. राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक, किसान आत्महत्याओं में 42% की बढ़ोतरी हुई है.एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2014 में 12,360 किसानों और खेती से जुड़े मजदूरों ने खुदकुशी कर ली जो 2013 की तुलना में अधिक है. इनमें 6710 खेतिहर मजदूर और 5650 किसान थे. 2015 के आंकड़ों में और इजाफा हुआ जिनमें 12,602 किसानों और खेती से जुड़े मजदूरों ने आत्महत्या कर ली. इनमें 8,007 किसान थे जबकि 4,595 खेती से जुड़े मजदूर थे. महाराष्ट्र(4291) किसानों के आत्महत्या के मामले में नंबर वन रहा. कर्नाटक में साल 2015 में 1,569 किसानों ने आत्महत्या, तेलंगाना (1400), मध्य प्रदेश (1290), छत्तीसगढ़ (954), आंध्र प्रदेश (916) और तमिलनाडु (606) भी इसमें शामिल हैं. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक किसानों और खेतों में काम करने वाले मजदूरों की आत्महत्या का कारण कर्ज, कंगाली, और खेती से जुड़ी दिक्कतें थीं.
बलात्कार जैसे गंभीर मामलों में भी नया भारत पीछे ना रहा. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के 2014 की रिपोर्ट के अनुसार देश में हर एक घंटे में 4 रेप और हर 14 मिनट में एक रेप की घटना सामने आई है. साल 2014 में देशभर में कुल 36975 रेप के मामले सामने आए हैं. रिपोर्ट के अनुसार 2015 की तुलना में 2016 में बलात्कार के मामलों में 12.4 फीसदी बढ़ें है. 2016 में 38,947 मामले दर्ज किए गए. यह 2016 का वही दौर था जहां नया भारत उभरता सामने आ रहा था. सबसे ज्यादा बलात्कार के मामले (38,947) मध्य प्रदेश में दर्ज किए गए. दूसरे नंबर पर 4,816 बलात्कार की घटनाओं के साथ उत्तर प्रदेश है. वहीं तीसरे स्थान पर 4,189 मामलों के साथ महाराष्ट्र है. दिल्ली को एनसीआरबी द्वारा किए गए सालाना सर्वेक्षण में महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहर बताया गया.
2 मई, 2018 को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार विश्व के 20 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में 14 भारतीय शहर शामिल थे. कानपुर नंबर एक पर था. सूची में शामिल 14 भारतीय शहर-कानपुर, फरीदाबाद, गया, पटना, आगरा, मुजफ्फरपुर, श्रीनगर, गुड़गांव, जयपुर, जोधपुर, पटियाला, लखनऊ, दिल्ली और वाराणसी हैं. सूची में 15वें नम्बर पर कुवैत का अली सुबह अल-सलेम शहर है. गौरतलब है कि यह दौर भी न्यू इंडिया का ही था.
अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट ग्लोबल करप्शन इंडेक्स-2017 में देश को 81वें स्थान पर रखा गया है. भारत को इस सूचकांक में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भ्रष्टाचार और प्रेस स्वतंत्रता के मामले में सबसे खराब स्थिति वाले देशों की श्रेणी में रखा गया था. 2017 में 176 देशों की सूची में भारत 79वें स्थान पर था, वहीं 2016 में भारत 76वें स्थान पर था.एशिया महाद्वीप में भी भ्रष्टाचार के मामले में भारत ने प्रथम स्थान पर अपना दबदबा बनाया हुआ है. एक सर्वे में पाया गया है कि भारत में रिश्वतखोरी की दर 69 प्रतिशत है फोर्ब्स द्वारा किए गए 18 महीने लंबे सर्वे में भारत को टॉप 5 देशों में पहला स्थान दिया गया है. फोर्ब्स ने यह सर्वे मार्च, 2017 में प्रकाशित किया था.भारत के अलावा वियतनाम, पाकिस्तान, थाईलैंड और म्यांमार भी फोर्ब्स की टॉप 5 भ्रष्ट एशियाई देशों की सूची में शामिल हैं.
न्यू इंडिया के समय में भारत में कई बड़े आतंकी हमल भी हुए.उड़ी हमला 18 सितंबर, 2016 को जम्मू-कश्मीर में हुआ इस हमले में 19 जवान मारे गए थे. पठानकोट हमला: 2 जनवरी, 2016 को चरमपंथियों ने पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर हमला किया था. इसमें 7 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे जबकि 20 अन्य घायल हुए थे. गुरदासपुर हमलाः 27 जुलाई ,2015 को पंजाब के गुरदासपुर के दीनानगर में हमलावरों ने तड़के ही एक बस पर फ़ायरिंग की और इसके बाद पुलिस थाने पर हमला कर दिया. हमले में एसपी समेत चार पुलिसकर्मी और तीन नागरिक मारे गए.अमरनाथ यात्रियों पर हमलाः 10 जुलाई, 2017 को अमरनाथ जा रहे श्रद्धालुओं पर अनंतनाग ज़िले में एक चरमपंथी हमला हुआ. इस हमले में 7 लोग मारे गए थे.पुलवामा हमलाः14 फरवरी 2019 पुलवामा ज़िले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर चरमपंथियों ने आईईडी धमाका कर सीआरपीएफ़ के काफ़िले पर हमला किया था इस हमले में अब तक 42 जवान मारे गए थे.
प्रवेश कुमार
दिल्ली यूनिवर्सिटी
मौजूदा समय में हमारा देश नया भारत का रूप धारण कर चुका है. नया भारत मानना भी क्यों नहीं चाहिए क्योंकि हमारा देश तरक्की के रास्ते पर है. लेकिन इस नए भारत में क्या क्या नया हो रहा है, इसका कोई भी अंदाजा नहीं लगा सकता क्योंकि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास समय ही नहीं होता कि वह अपने दिन के 5 मिनट अपने देश के लिए सोच सके. इस समय हमारा देश भुखमरी, बेरोजगारी, किसानों द्वारा आत्महत्या, बलात्कार, प्रदूषण, भ्रष्टाचार, आतंकवादी हमला इन सभी कार्यों में अव्वल दर्जे पर है. तो क्या यह नया भारत है? इन सभी अव्वल दर्जे के कार्य को नए भारत के नए लोगों को जानना बहुत जरूरी है क्योंकि क्या पता नए भारत के लोग किस भ्रम में जी रहे हैं.
ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक भुखमरी के मामले में हमारा भारत 119 देशों की सूची में 103 वें स्थान पर है. भारत एशिया में सिर्फ अफगानिस्तान और पाकिस्तान(106) से आगे है. परंतु भारत के हालात तो श्रीलंका (67), नेपाल (72), म्यानमार (68) और बांग्लादेश (86) से भी बुरे हैं. नया भारत बनने से पहले 2014 में भारत का स्थान भुखमरी के मामले में 55 वां था. जब नए भारत की शुरुआत हुई तब 2018 से सीधा 103 वें पायदान पर पहुंच गया.
रोजगार देने के मामले में नए भारत ने अपने ही देश का 45 साल का रिकॉर्ड तोड़ डाला. देश में रोजगार से जुड़ी नेशनल सैम्पल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) की रिपोर्ट के मुताबिक 2017-18 में बेरोजगारी दर ग्रामीण क्षेत्रों में 5.3% और शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा 7.8% रही. इनमें नौजवान बेरोजगार सबसे ज्यादा थे, जिनकी संख्या 13% से 27% थी. जनवरी में यह आंकड़े 7.2% तक पहुंच गए. 2011-12 में बेरोजगारी दर 2.2% थी. जबकि 1972-73 में यह सबसे ज्यादा थी. CMIE की रिपोर्ट के मुताबिक हालात तो तब और ज्यादा भयावह हो गए जब नोटबंदी और जीएसटी से 1.1 करोड़ लोगों का रोजगार छिन गया. इससे पहले नए भारत के नए नेताओं ने 2 करोड़ नौकरी देने का वादा किया था.
नया भारत किसानों के लिए तो एक अभिशाप सिद्ध हुआ. राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक, किसान आत्महत्याओं में 42% की बढ़ोतरी हुई है.एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2014 में 12,360 किसानों और खेती से जुड़े मजदूरों ने खुदकुशी कर ली जो 2013 की तुलना में अधिक है. इनमें 6710 खेतिहर मजदूर और 5650 किसान थे. 2015 के आंकड़ों में और इजाफा हुआ जिनमें 12,602 किसानों और खेती से जुड़े मजदूरों ने आत्महत्या कर ली. इनमें 8,007 किसान थे जबकि 4,595 खेती से जुड़े मजदूर थे. महाराष्ट्र(4291) किसानों के आत्महत्या के मामले में नंबर वन रहा. कर्नाटक में साल 2015 में 1,569 किसानों ने आत्महत्या, तेलंगाना (1400), मध्य प्रदेश (1290), छत्तीसगढ़ (954), आंध्र प्रदेश (916) और तमिलनाडु (606) भी इसमें शामिल हैं. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक किसानों और खेतों में काम करने वाले मजदूरों की आत्महत्या का कारण कर्ज, कंगाली, और खेती से जुड़ी दिक्कतें थीं.
बलात्कार जैसे गंभीर मामलों में भी नया भारत पीछे ना रहा. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के 2014 की रिपोर्ट के अनुसार देश में हर एक घंटे में 4 रेप और हर 14 मिनट में एक रेप की घटना सामने आई है. साल 2014 में देशभर में कुल 36975 रेप के मामले सामने आए हैं. रिपोर्ट के अनुसार 2015 की तुलना में 2016 में बलात्कार के मामलों में 12.4 फीसदी बढ़ें है. 2016 में 38,947 मामले दर्ज किए गए. यह 2016 का वही दौर था जहां नया भारत उभरता सामने आ रहा था. सबसे ज्यादा बलात्कार के मामले (38,947) मध्य प्रदेश में दर्ज किए गए. दूसरे नंबर पर 4,816 बलात्कार की घटनाओं के साथ उत्तर प्रदेश है. वहीं तीसरे स्थान पर 4,189 मामलों के साथ महाराष्ट्र है. दिल्ली को एनसीआरबी द्वारा किए गए सालाना सर्वेक्षण में महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहर बताया गया.
2 मई, 2018 को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार विश्व के 20 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में 14 भारतीय शहर शामिल थे. कानपुर नंबर एक पर था. सूची में शामिल 14 भारतीय शहर-कानपुर, फरीदाबाद, गया, पटना, आगरा, मुजफ्फरपुर, श्रीनगर, गुड़गांव, जयपुर, जोधपुर, पटियाला, लखनऊ, दिल्ली और वाराणसी हैं. सूची में 15वें नम्बर पर कुवैत का अली सुबह अल-सलेम शहर है. गौरतलब है कि यह दौर भी न्यू इंडिया का ही था.
अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट ग्लोबल करप्शन इंडेक्स-2017 में देश को 81वें स्थान पर रखा गया है. भारत को इस सूचकांक में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भ्रष्टाचार और प्रेस स्वतंत्रता के मामले में सबसे खराब स्थिति वाले देशों की श्रेणी में रखा गया था. 2017 में 176 देशों की सूची में भारत 79वें स्थान पर था, वहीं 2016 में भारत 76वें स्थान पर था.एशिया महाद्वीप में भी भ्रष्टाचार के मामले में भारत ने प्रथम स्थान पर अपना दबदबा बनाया हुआ है. एक सर्वे में पाया गया है कि भारत में रिश्वतखोरी की दर 69 प्रतिशत है फोर्ब्स द्वारा किए गए 18 महीने लंबे सर्वे में भारत को टॉप 5 देशों में पहला स्थान दिया गया है. फोर्ब्स ने यह सर्वे मार्च, 2017 में प्रकाशित किया था.भारत के अलावा वियतनाम, पाकिस्तान, थाईलैंड और म्यांमार भी फोर्ब्स की टॉप 5 भ्रष्ट एशियाई देशों की सूची में शामिल हैं.
न्यू इंडिया के समय में भारत में कई बड़े आतंकी हमल भी हुए.उड़ी हमला 18 सितंबर, 2016 को जम्मू-कश्मीर में हुआ इस हमले में 19 जवान मारे गए थे. पठानकोट हमला: 2 जनवरी, 2016 को चरमपंथियों ने पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर हमला किया था. इसमें 7 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे जबकि 20 अन्य घायल हुए थे. गुरदासपुर हमलाः 27 जुलाई ,2015 को पंजाब के गुरदासपुर के दीनानगर में हमलावरों ने तड़के ही एक बस पर फ़ायरिंग की और इसके बाद पुलिस थाने पर हमला कर दिया. हमले में एसपी समेत चार पुलिसकर्मी और तीन नागरिक मारे गए.अमरनाथ यात्रियों पर हमलाः 10 जुलाई, 2017 को अमरनाथ जा रहे श्रद्धालुओं पर अनंतनाग ज़िले में एक चरमपंथी हमला हुआ. इस हमले में 7 लोग मारे गए थे.पुलवामा हमलाः14 फरवरी 2019 पुलवामा ज़िले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर चरमपंथियों ने आईईडी धमाका कर सीआरपीएफ़ के काफ़िले पर हमला किया था इस हमले में अब तक 42 जवान मारे गए थे.
प्रवेश कुमार
दिल्ली यूनिवर्सिटी
No comments:
Post a Comment