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29.10.20

मार्केट में बहुतायत में पाए जाने लगे वरिष्ठ पत्रकार...

आज बहुत दिनों के बाद कुछ लिखने का मन हुआ... काफी सोचने पर मन मे ये विचार आया कि आजकल मार्किट में किलो के भाव मे वरिष्ठ वरिष्ठ पत्रकार देखने को मिल जाते है मन मे खयाल आया कि आखिर ये वरिष्ठ पत्रकार आते कहा है? आखिर ये वरिष्ठ पत्रकार बनते कहा पर है? आखिर ये वरिष्ठ पत्रकार करते क्या है?


जवाब ढूंढने की बहुत कोशिश की पर नतीजा सिफर रहा। आज से 15 साल पहले बड़ी मान मन्नोत के बाद मीडिया सेक्टर में एंट्री मिलती थी। उसके बाद अपने सीनियर के नीचे रहकर काम करना पड़ता था और छोटी छोटी गलती पर झिझक मिलती थी। मीडिया सेक्टर में कई वर्ष बीत जाने पर और काफी सीख जाने पर ही वरिष्ठ पत्रकार का टैग मिलता था दरसल वरिष्ठ पत्रकार का टैग मिलता नही थी बल्कि कमाया जाता था जिसे अथक मेहनत के बाद हासिल होता था पर आज के दौर में मीडिया से जुड़ा हर तीसरा व्यक्ति अपने आपको वरिष्ठ पत्रकार कहने लगा या यूं कहें वरिष्ठ पत्रकार लिखने लगा।

आखिर वरिष्ठ पत्रकार लिख लेने से क्या होता हैं। क्या आपको इज़्ज़त ज्यादा मिल जाती है या आपकी कमाई ज्यादा हो जाती है? अगर ऐसा होता तो कोई भी 3 दिन काम सीखकर अपने आपको वरिष्ठ पत्रकार घोषित कर कमाई और इज़्ज़त कमाई के काम मे लग जाता। अरे मेरे वरिष्ठ पत्रकारों वरिष्ठ पत्रकार तब लिखो जब आप उसके काबिल बन जाओ। वरिष्ठ पत्रकार तब लिखो जब जब आपको कोई अन्य इस नाम की उपाधि दे। ये नही की खुद ही अपने आपका का विश्लेषण कर लिया और हम बन गए वरिष्ठ पत्रकार मेरा दावा है कि अगर वरिष्ठ पत्रकार लिखने वाले सभी पत्रकारों का इम्तिहान ले लिया जाए तो लगभग 90 फीसदी वरिष्ठ पत्रकार पत्रकारिता करने के लायक ही नही रह जाएंगे। हमारे जानने वाले कुछ ऐसे वरिष्ठ पत्रकार मार्किट में है जिनसे हिंदी लिखवा लो तो शायद ही शुद्ध हिंदी भी लिख पाए।

ऐसे वरिष्ठ पत्रकारों को आत्म विश्लेषण करने की जरूरत है। अक्सर ऐसा होता है कि आपके वरिष्ठ पत्रकार लिखने से उन वरिष्ठ पत्रकारों को भी अपमानित होना पड़ता है जो वाकई वरिष्ठ पत्रकार कहलाने के लायक है...

आज के लिये इतना ही मिलते है फिर किसी अन्य विषय पर....

मेरे लेख से किसी वरिष्ठ पत्रकार (वास्तविक वरिष्ठ पत्रकार) को ठेस पहुचा हो तो छमा प्रार्थी हु और अगर किसी कथित वरिष्ठ पत्रकार को ठेस पहुची हो तो मुझे घण्टा फर्क नही पड़ता कथित वरिष्ठ पत्रकारों से.....

आपका अपना प्रिय....
शिव शंकर सविता
कनिष्ठ पत्रकार

1 comment:

शिवम कुमार पाण्डेय said...

बहुत बढ़िया। बिल्कुल सही बात लिखी है आपने।