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9.2.11

क्यूँकि प्यार तो बस प्यार होता है..

मोहब्बत एक एह्सशों कि पवन कि कहानी है।
कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी हैं।


दिल तथा मोहब्बत की परिभाषा को सरोबर करती ये पंक्तियाँ वास्तव में कुछ ना कहते हुए भी बहुत कुछ कह जाती है। सचमुच प्यार एक ऐसा ही खूबसूरत एहसास है जो सचमुच एक इंसान की जिंदगी बदल देता है। जब किसी को प्यार हो जाता है। क्यूँ कोई पहली ही नज़र मै मन को भा जाता है। क्यूँ उसके पास होने भर के एह्सश जीवन मै खुशियों कि बरसात होने लगती है। जी हाँ शायद इसी को प्यार कहते हैं।
प्यार का यह एहसास इंसान की जिंदगी को खुशियों से सरोबार कर देता है। ऐसा लगता है मानो चारों तरफ फूलों की बहार आ गई है। काँटों से लदे उस पेड़-पौधे पर बढ़ती पत्तियों के साथ प्यार का एहसास एक खिले हुए फूल ‍की तरह दोनों जिंदगियों को अपनी प्यार भरी बारिश से तरबतर कर देती है।

यह जरूरी नहीं है कि आप प्यार का इजहार या प्यार की उस बारिश में एक दिन यानी सिर्फ वेलेंटाइन डे की दिन ही नहाएँ। उसके लिए तो जिंदगी की सारी रातें, सारे दिन, चौबीस घंटे और 365 दिन भी कम होते है। अगर वास्तव में आप किसी को प्यार करते हैं तो हर इंसान के जीवन का हर दिन वेलेंटाइन दिन से कम नहीं होता। अगर वह उसे सही मायने में जिए तो।

वेलेंटाइन डे की इस फेहरिश्त में.... सभी शामिल हैं, छोटे-बड़े, भाई-बहन, सास-बहू, पति-पत्नी, प्रेमी-प्रेमिका हो या फिर ऑफिस में साथ काम करने वाले वे ‍कलिग्स चाहे वे गर्ल हो या बॉय हो या फिर हर कोई वह शख्स जो प्यार की परिभाषा सही मायने में जानता हो। वो सब इस वेलेंटाइन डे को मनाने के सही मायने में हकदार हैं।

ऐसा नहीं है इस दुनिया में सिर्फ चारों तरफ प्यार ही प्यार हो सकता है उसमें लड़ाई-झगड़े, सोच का बदलाव, झूठ-सच की राजनीति सब कुछ जायज है। लेकिन फिर भी प्यार यही कहता है कि प्रेम का अर्थ सिर्फ प्रेम ही होना चाहिए। फिर उसमें भले ही कितनी ही उलझनें, कितनी ही तकलीफें, कितने दु:ख और कितने ही सुख हो फिर सब कुछ वैसा ही चलता रहना चाहिए। उसमें कभी भी‍ ऊँच-नीच का भेदभाव नहीं होना चाहिए। जब आप दुनिया की हर उस चीज को अपने ही नजरिये से देख पाएँगे।

प्यार को प्यार से और दु:ख, तकलीफ, उलझनों के बी‍च फँसी इस मझँधार रूपी जीवन से जब आप प्यार से जीतोगे तब ही आप प्यार की उस सच्ची पराकाष्ठा को समझ पाएँगे और तभी आपका हर दिन, हर रात वेलेंटाइन की तरह होगी। तब आपको किसी एक खास दिन का नहीं बल्कि तब आपको साल के 365 दिन भी कम पड़ेंगे असली वेलेंटाइन डे का मजा उठाने के लिए।

तो आइए हम इस मुश्किल भरे जीवन से भी एक ऐसी राह निकाल लें जिससे हमें 14 फरवरी का इंतजार ना करना पड़े और हमारा हर दिन ही वेलेंटाइन-सा महसूस हो।

3 comments:

Dr Om Prakash Pandey said...

achchha laga.

vandana gupta said...

सही कह रहे है उसके लिये एक दिन का इंतज़ार क्यों करें।

Anuj Sharma said...

Dhnybaad Sir/mam aapki is tipddin ko dekh kar achha laga