साथियों , आप सब के सहयोग के साथ अमन का पैग़ाम अभी तक ५० लेख़ पेश कर चुका हैं ,इस पचासवें लेख़ के साथ मैं आप सभी लोगों का शुक्रिया अदा करता हूँ कि आपने इस श्रेणी को आगे बढाया और आज "अमन का पैग़ाम" अपने नाम से ही पहचाना जाता है. इस सप्ताह ब्लॉगजगत मैं मेरे पेश किये लेख़ कुछ ऐसे लेखों और कविताओं के साथ जिनको सब से अधिक पाठक आज तक मिले. खुदा ने तो हमें एक धरती बख्शी थी लेकिन हमने हिंदुस्तान और पकिस्तान बनायाभारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है| यहां हर धर्म के लोग रहते हैं और कोई भी किसी भी धर्म को मानने के लिए स्वतंत्र है| यह सच है कि भारतीय इतिहास पर कुछ ऐसा बदनुमा दाग लगा है जिसे कभी मिटाया नही जा सकता| लेकिन यह भी सच है कि यही वो देश है जहाँ गीता और कुरान एक साथ पढ़े जाते हैं| ऐसे कुछ लोग ही हैं जो मनुष्यों में ज़हर भरने का काम करते हैं . read more जैसा बोओगे वैसा ही तो काटोगे. Garbage In Garbage Out आज हम उस दौर मैं जी रहे हैं जहां अब ईमानदारी, सच्चाई , नसीहतें, उपदेश किताबी बातें बन के रह गयी हैं. आज जब इनकी बातें करो तो लोग वाह वाह तो कर देते हैं लेकिन यह बातें आज किसी को भी व्यावहारिक नहीं लगती. जब खिलौने को मचलता है कोई गुरबत का फूल । आंसूओं के साज़ पर बच्चे को बहलाती है माँ read more जौनपुर कि मूली विश्व भर मैं अजूबा आप को जान के आश्चर्य होगा कि यहाँ की मूली छह से सात फीट लंबी व ढाई फीट मोटी होती थी. इस मूली को जौनपुर की सीमा से लगे आधा दर्जन गांवों में उगाया जाता था. इन सभी गांवों के करीब से गोमती नदी बहती है. लिहाजा सिंचाई के भरपूर साधन रहे हैं. अपनी भौगोलिक परिस्थिति और खास किस्म की मिट्टी के चलते नेवार प्जाति की मूली जौनपुर में ही होती है Read more जौनपुर शिराज़ ए हिंद भाग १ 1394 के आसपास मलिक सरवर ने जौनपुर को शर्की साम्राज्य के रूप में स्थापित किया और यह शर्क़ी वंश (1394-1479) के स्वतंत्र राज्य की राजधानी भी रहा है. चलिए आज आप को जौनपुर के किले की सैर करवाता हूँ : जौनपुर शहर में गोमती तट पर स्थित इस दुर्ग का र्निमाण फिरोज शाह ने 1362 में कराया था। इस दुर्ग के भीतरी फाटक 26.5 फीट उंचा तथा 16 फीट चौड़ा है। केन्द्रीय फाटक 36 फीट उंचा है . Read More
एक ब्लोगर क्या सोंचता है? किन किन आदतों का शिकार होता है? कौन कौन सी बीमारियाँ इत्यादि का उल्लेख संछेप मैं किया है. देख लें आपके बारे मैं क्या कहा गया है? क्या बात है आप को सब समझ मैं आ गया ,अब ठीक है आप एक बड़े और समझदार ब्लोगेर हैं ,साझा ब्लॉग (ब्लोगेर असोसिएसन) की आवश्यकता आप को नहीं, खुद का ब्लॉग लिखें और फ़ौरन यहाँ अपनी काबलियत दर्ज करवाएं टिप्पणी कर के. Read More इस नज़्म को अवश्य सुने |
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