पी.एम्. बनने की मुझे रहती थी बड़ी आस ,
पर जनता ने कर दिया सारा सत्यानाश ,
साथी सब ये कह रहे 'ले लो अब सन्यास '
पर मेरी बुझती नहीं राजनीति की प्यास .
शिखा कौशिक http://netajikyakahtehain.blogspot.com/
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
2 comments:
बहुत सार्थक प्रस्तुति .विचारणीय पोस्ट आभार ...
बहुत सटीक प्रस्तुति..
Post a Comment