Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

8.1.08

मैंने रपट लिखा दी... ब्लागर दोस्तों ने दीं बेशकीमती सलाह

कल मैंने भड़ास पर एक पोस्ट डाली थी कि नये साल में मेरे साथ ये क्या खेल हो रहा है? इस पोस्ट में मैंने ब्लागर दोस्तों से मदद मांगी थी और वाकई जो सलाहें मिली हैं, जो जानकारियां दी हैं वे मेरे बेहद काम की चीज हैं और इन सभी का प्रिंट निकालकर मैं अपने पास रखूंगा और पुलिस के जांच अधिकारी को सौंपूंगा। आज सुबह पहला काम यही किया कि अशोक नगर थाने जाकर अपनी लिखित कंप्लेन दर्ज करा दी और उसके बाद नोएडा सेक्टर 18 जाकर वोडाफोन के स्टोर पर अपनी कंप्लेन बताई और उन्होंने मुझे कंप्लेन नंबर भी दे दिया है।

इसके अलावा वो जो लड़की का मित्र है, उससे भी मैने बात की और उसे डेवलपमेंट की जानकारी दी। हालांकि आज उसके तेवर कुछ ढीले थे और वह इस बात को मानने लगा था कि मैसेज मैंने नहीं भेजे बल्कि इसमें जरूर कोई खेल हो रहा है। और हां, मैंने वोडाफोन स्टोर पर अपने मोबाइल से एसएमएस सेंडिंग डी-एक्टीवेट करा दी, कुछ समय के लिए।

ब्लागर दोस्तों ने जो सुझाव व सहोयग दिया, वो इस तरह हैं। मैं खासतौर पर जितेंद्र चौधरी और अमित को थैंक्यू कहना चाहूंगा जिन्होंने इतनी कीमती जानकारी मुझे मुहैया कराई। बाकी सभी साथियों को भी धन्यवाद---


5 comments:
विनीत कुमार said...

aapki pareshaani jaayaz hai. meri to salaah hai ki aap har haalat me action le. waise nayee-nayee takneek aane se saazis bhi usme khap jaati hai, aapko dono star par kaarwaayee karni hogi.aur ab to mai kya saare blogger saathi is se abgat ho gayae.

Monday, January 07, 2008 9:21:00 PM

Sanjeet Tripathi said...

जितनी जल्दी हो एक्शन ले लेना ही बेहतर है भाई!!
तकनीक के लोचे इतने बढ़ गए हैं कि झमेले एक से एक हैं!

Monday, January 07, 2008 11:11:00 PM

Jitendra Chaudhary said...

१. सबसे पहले तो अपने मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर के कस्टमर केयर मे जाकर लिखित शिकायत दर्ज कराइए, ध्यान रखिएगा कि शिकायत मे फोन नम्बर, एसएमएस विवरण, दिनांक, समय और वार्तालाप का विवरण सिलसिलेवार हो।
२. शिकायत मे ही डुप्लीकेट सिमकार्ड के संशय को भी लिख दीजिएगा और अपने सारे वार्तलाप को ट्रेक करने को कह दीजिए, ये तकनीकी जानकारी बाद मे पुलिस के काम आएगी।
३. लिखित शिकायत, की कापी लेकर, पुलिस स्टेशन मे अज्ञात लोगों के खिलाफ़, एफ़आईआर दर्ज करा दीजिए।
4. कुछ दिनो तक, अपने दोस्तों-सम्बंधियों को आपके मोबाइल पर वार्तालाप करने के लिए मना करिए, ताकि ट्रैकिंग मे आसानी रहे।
५. आराम से टेंशन-फ़्री होकर आपने काम मे लग जाइए। अगर कोई दिक्कत आती है, पुलिस को सूचना दीजिए, बाकी वो लोग निबटेंगे।

Monday, January 07, 2008 11:39:00 PM

Amit said...

क्या ऐसा संभव है कि कोई इंटरनेट से एसएमएस भेजने की प्रक्रिया का इस्तेमाल करके सेंडर में मेरा नंबर डाल करके मुझे फंसाने के लिए एसएमएस भेज रहा हो? ऐसा करना संभव है क्या?

जी हाँ ऐसा संभव है लेकिन ऐसा हर कोई नहीं कर सकता। सेन्डर मन-माफिक दिखलाने के लिए आपको एक एसएमएस गेटवे आदि की सेवा किराए पर लेनी होगी जो कि मुफ़्त में या सस्ती नहीं आती। यानि कि यदि ऐसा हो रहा है तो जो कर रहा है वो या तो समर्थ बंदा है जिसके पास पहले से ऐसा सैटअप है या फिर आपसे पंगा लेने की खातिर पैसा खर्च कर रहा है।

क्या किसी ने डुप्लीकेट सिम बनवा कर उसका मिसयूज शुरू कर दिया है?

डुप्लिकेट सिम बनवाने के लिए या तो आपके टेलिकाम ऑपरेटर के यहाँ बढ़िया सी सैटिंग होनी चाहिए या फिर आपकी सिम की आवश्यकता होगी जिसका डुप्लिकेट बनाया जाएगा। इन दोनों के अतिरिक्त डुप्लिकेट सिम बनाने का कोई तरीका नहीं होता। वैसे भी जहाँ तक मेरी जानकारी है, डुप्लिकेट सिम में सिर्फ़ इनकमिंग होती है यानि कि उससे बाहर कुछ नहीं जा सकता, न फोन कॉल और न ही संदेश, वैसे इस बारे में विश्वास के साथ नहीं कह सकता।

कहीं ऐसा तो नहीं कि मेरे हैंडसेट में कोई वायरस हो जो एसएमएस भेज रहा हो

ऐसा हो सकता है। साथ ही यह भी हो सकता है कि जो सॉफ़्टवेयर/वायरस आदि ऐसा संदेश भेजे उसको आपके sent फोल्डर से मिटा दे ताकि आपको पता न चले कि आपके मोबाइल से कोई संदेश गया है। लेकिन ऐसी हालत में भी आपके टेलीकॉम ऑपरेटर के पास बिलिंग के लिए रिकॉर्ड अवश्य रहेगा। तो जब आपके टेलीकॉम ऑपरेटर के यहाँ से ही आपको उत्तर मिल गया कि कोई संदेश उस कथित नंबर पर नहीं गया है तो यकीन मानिए आपके मोबाइल से नहीं गया है।

ऐसी स्थिति में यदि आपके डुप्लिकेट सिम वाले पिछले संदेह को भी सत्य मान लें तब भी आपके ऑपरेटर के पास इसका रिकॉर्ड अवश्य होता क्योंकि चाहे ओरिजिनल से भेजो या डुप्लिकेट से, ऑपरेटर तो एक ही रहेगा और नंबर भी, तो इसलिए दर्ज तो उस एक ही खाते में होगा। :)

मैं तो यही सुझाव दूँगा कि अपने ऑपरेटर से दूसरी बार की बाबत भी कन्फर्म कर लीजिए और फिर आराम से बैठिए। यदि आपको परेशान महज़ मज़ाक के लिए किया जा रहा था तो अब दूसरे बंदों को समझ आ गया होगा कि उनका मज़ाक पकड़ा गया है इसलिए आपको वे दोबारा फोन नहीं करने वाले। लेकिन यदि यह मामला कुछ और है और आपको उन बंदों का फोन पुनः आता है तब उस स्थिति में आपको पुलिस के पास अवश्य जाना चाहिए और harassment & threat of physical harm का चार्ज लगा के कंप्लेंट दर्ज करानी चाहिए।

Tuesday, January 08, 2008 12:17:00 AM

राजीव जैन Rajeev Jain said...

वैसे कई वेबसाइट से एसएमएस तो हो जाते हैं और उसमें आपका डाला गया नंबर तो दिखाता है, पर सेंडर में मोबाइल की लास्‍ट डिजिट 88888 या 00000 टाइप की होती हैं।

Tuesday, January 08, 2008 3:50:00 AM

No comments: