पिछले कई महीनो से टेलिविज़न पर हिंदुस्तान दैनिक का विज्ञापन देख रहा हूँ । स्लोगन है -"क्या पुरी तय्यारी है, अब हिंदुस्तान की बारी है." बिज्ञापन में एक बच्चा अखबार को जहाज़ बना कर उडाता है......... आगे आपको पता ही होगा।
बहरहाल बात दरअसल यह है कि कल भड़ास फॉर मीडिया पर "नई दुनिया , हिंदुस्तान दिल्ली के कई विकेट गिराए।" शीर्षक से एक ख़बर पढ़ी, बल्कि सिर्फ़ मै ही नही हिंदुस्तान दैनिक के पुरे रिपोर्टर पढ़ रहे थें। दिलचस्प बात यह है कि इस बीच बिजली भी गायब हुई। और तरह तरह कि बातें भी चली, जिनका उल्लेख यहाँ करना मै मुनासिब नही समझता हूँ। खैर, इस विज्ञापन से हिंदुस्तान दैनिक ने लाभ उठाया हो या न उठाया हो, पर भड़ास कि ख़बर से तो यही लगता है कि नई दुनिया के लिए यह विज्ञापन लाभकारी हो सकता है। इसने भी यह तय कर लिया कि लोग हिंदुस्तान को पढ़े नही बल्कि हवा में जहाज़ बना कर उड़ा दे। फिर भी मुझे लगता है कि नई दुनिया के लिए दिल्ली में हिंदुस्तान से टक्कर लेना इतना आसान नही होगा, जितना वो समझता है। और वैसे भी सिर्फ़ बॉलरों के सहारे मैच नही जीती जा सकती है।
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4.7.08
क्या पूरी तय्यारी है.....?
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3 comments:
apne sahi kaha ki nai dunia ke liye kewal baaleron ke sahare match jeetna asan nahi rahega. aur dainik hindustan dilli ka sher raha hua hai.
apne sahi kaha ki nai dunia ke liye kewal baaleron ke sahare match jeetna asan nahi rahega. aur dainik hindustan dilli ka sher raha hua hai.
सुना है दैनिक हिंदुस्तान के गाज़ियाबाद ब्यूरो चीफ रवि अरोड़ा को दैनिक नव दुनिया में ज्वाइंट रीज़नल एडीटर बनाया जा रहा है।
किशोर
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