संविधान के आर्टिकल 217 में हाई कोर्ट जज को हटाने की व्याख्या है। नियमों के तहत किसी जज को हटाने के प्रस्ताव को पारित होने कोर्ट लिए संसद के दोनों सदनों में वोटिंग में उपस्थित सांसदों का दो तिहाई समर्थन होना जरूरी है। उसके बाद ही राष्ट्रपति संबद्ध जज को हटाने का आदेश जारी कर सकते है । इस आधार पर राज्यसभा के सदस्यों ने कोलकाता हाई कोर्ट के जज सौमित्र सेन पर महाभियोग लगाने की सिफारिश की है ।
संविधान के अनुसार हाई कोर्ट के किसी जज को हटाने के प्रस्ताव पर कम से कम 50 सांसदों के साइन होने चाहिए। अगर संसद महाभियोग पर विचार करती है तो यह किसी जज को हटाने का दूसरा प्रस्ताव होगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट जज वी. रामस्वामी के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया था। उन पर आरोप था कि जब वह पंजाब हाई कोर्ट के जज थे उस समय उन्होंने पद का दुरुपयोग किया था।लेकिन वह प्रस्ताव पास नही हो पाया था ।
21.2.09
ऐसे जज को हटा देना ही सोलुशन है ....
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