हिन्दुस्तान टाइम्स में chaddi kissa continues .. शीर्षक से छपे निशा सुसान के वक्तव्य से समझ में आ रहा है कि वे अपनी पिंक चड्डी कैम्पेन का ऑफ्टर इफैक्ट्स भुगतने जा रही हैं, साथ उनके ऐसी गर्ल्स शिकार होंगी (या हो रही हैं) जो पिंक चड्डी कैम्पेन की जानकारी से कोसों दूर हैं। फागुन के महीने में मनचलों की शिकार वे साधारण गर्ल्स ही होंगी .
निशा सुसान को लोग फोन करके परेशान कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके मोबाइल नम्बर पर वेलेंटाइन के दुश्मनों के फोन आ रहे हैं और वे अभद्र आचरण वाली बातें कर रहे हैं....अपना मोबाइल नम्बर आपने ही वेबसाइट्स और मिडिया पैर डाला था, तब भूल गई थी -न्यूटन का थर्ड लॉ- एवरी एक्शन हैज एन इक्वल रिएक्शन
अफसोस
अब मैडम वे अभद्र आचरण वाली बातें करेंगे ही, जो चंद रुपयों और शराब-शबाब के लिए नेताओं की जागीर चलाते हैं, उन्हें आप से और सामान्य जन से क्या मतलब। वो तो ऐसे लोग हैं, जो अपनी बहू-बेटियों को नहीं छोड़ते। फर्क इतना है कि बाहुबल की वजह से ये चीखें चाहरदीवारी में दफन हो जाती है।
और आपको परेशान करने का मतलब है मिडिया के जरिये गर्ल्स के जेहन में डर पैदा
पिंक चड्डी कैम्पेन पिंक पॉलिटिक्स से जुड़ गया है ये तो आपने हिसाब लगा लिया होगा ?
21.2.09
निशा का पिंक एलिफेंट
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