दिनांक २२-०२-२००९,स्थान-कश्यप आई मेमोरियल हॉस्पिटल सभागार,रांची (झारखंड)डाक्टर भारती कश्यप,श्री शैलेश भारतवासी,श्री घनश्याम श्रीवास्तव,श्री मनीष कुमार...........तथा अन्य लोगों के सहयोग से पूर्वी क्षेत्र के ब्लोगरों (यानि चिट्ठाकारों)का जमावडा यानि सम्मलेन एक बेहद अनौपचारिक माहौल में हँसी-खुशी भरे होलियाना अंदाज़ में अभी थोडी ही देर पहले संपन्न हुआ....!!स्थानीय पत्र रांची एक्सप्रेस के संपादक श्री बलबीर दत्त जी,दैनिक आज के संपादक श्री दिलीप जी ,स्वयं डॉ. भारती जी ब्लोगिंग की बाबत अपने विचारों से सभी को अवगत कराया.शैलेश जी एवं मनीष जी ब्लोगिंग के तकनीकी पक्षों और इसके सकारात्मक पक्षों पर प्रकाश डाला तथा ब्लोगरों को अनेकानेक चीज़ों की जानकारी प्रदान की.
इस जमावडे में संगीता पुरी(बोकारो)गत्यात्मक ज्योतिषी वाली,पारुल जी (चाँद पुखराज का तथा सरगम),रंजना सिंह,टाटा(संवेदना संसार)शिव कुमार मिश्रा,कोलकाता(शिवकुमार मिश्रा और ज्ञानदत्त पांडे का ब्लॉग)श्यामल सुमन (मनोरमा)शैलेश भारतवासी(हिन्दी युग्म)दिल्ली,मनीष कुमार(एक शाम मेरे नाम और मुसाफिर हूँ यारों),प्रभात गोपाल झा,अंकुर सिंह,पवन कुमार,कामेश्वर कुमार श्रीवास्तव,अनिल चक्रवर्ती,अमिताभ (किससे कहें),अभिषेक मिश्रा(धरोहर)अश्विनी जी,संजीव शेखर(गुडमोर्निंग झारखड),नीरज पाठक,नदीम अख्तर(रांची हल्ला),भूतनाथ, नहीं भाई राजीव थेपडा(बात पुरानी हैएवं रांची हल्ला),आनंद कुमार,सुनील चौधरी(दहलीज,रांची हल्ला),विनय चतुर्वेदी(संघतिया),प्रभाकर अग्रवाल,कौशल आनंद ,विजय पाठक,नरेन्द्र नाथ (आई नेक्स्ट),प्रवीर पीटर,शुभाद्र अखौरी,सीमा कुमारी,सुधा कुमारी,विनय कृष्ण,रंजित कुमार,शकर कुमार,मोहम्मद मुद्दसर नज़र,वरुण सिन्हा,दिवाकर शाहदेव.शांतनु सेन,एस.के.बरियार,लालन कुमार सिंह,अरुण महतो,कुमुद रंजन,उमेश कुमार,संजय पांडे,सुधीर कुमार आदि लोगों ने हिस्सा लिया.
इस कार्यक्रम की ख़ास बात यह रही कि ब्लोगिंग को अभी इस देश में उपयुक्त सम्मान न मिलने और इसके प्रति लोगों के संजीदा ना होने के बावजूद अभी इसकी महज शुरुआत बताते हुए लगभग सभी वक्ताओं ने यह मुखर रूप से कहा कि पहले अखबार,फिर इलेक्ट्रिक मीडिया,फिर टेलीविज़न,फिर इंटरनेट और अब ब्लोगिंग को आने वाले समय की मुख्यधारा बताया जा रहा है.समय के साथ यही मीडिया का विकास है.यहाँ आए तकरीबन सभी ब्लोगरों ने ब्लोगिंग पर अपने विचार बांटे.नेट ब्लोगिंग अनजान लोगों का आपस में मिलना-जुलना हुआ......और एक-दूसरे को यह बताते हुए कि अरे हमने तो सोचा था कि आप ऐसे हो....मगर आप तो ऐसे निकले....!!इस रोमांचक माहौल में सबने अपने अनुभव तो बांटे ही,साथ ही एक दूसरे के दोस्त भी बने.....पारुल जी और श्यामल सखा सुमन ने अपने गीतों और गज़लों से सबको भाव विभोर भी किया....
कुल मिला कर यूँ कि इस क्षेत्र में हुए इस अनौपचारिक से सम्मलेन में इस तरह सबका मिलना-जुलना आने वाले वर्षों में ब्लोगरों की होने वाली अहमियत का आभास करा गया....ब्लोगिंग बेशक कोई आन्दोलन नहीं किंतु वैचारिक दृष्टि का एक महत्वपूर्ण प्लेटफार्म अवश्य बन सकता है....और अब ब्लोगिंग निजी डायरी से ऊपर उठकर एक वैचारिक रूप ले भी रहा है....और देखा-देखी और भी लोग इसके प्रति संजीदा हो रहे है....ऐसे उत्सुक लोगों ने भी इस सम्मलेन में शिरकत की और अपने प्रश्न वक्ताओं के सम्मुख रखे....इस छोटे से किंतु अहम् कार्यक्रम से यह विश्वास पुख्ता हुआ कि आने वाले दिनों में ब्लोगर भी किसी बदलाव का वाहक बनने वाले हैं.....!!
22.2.09
एक दिन ब्लोगरों का...............!!
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