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26.2.09

जब बाड ही खेत को खाना लगे ...

देश के दो बड़े शिक्षा बोर्ड और विधार्थिओं का भविष्य

देश के पहला आईएसओ 9001 प्रमाण पत्र हासिल करने वाले हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से इतनी बड़ी लापरवाही हो सकती है। दसवीं कक्षा के तीन लाख 75 हजार छात्र पूरी तैयारी करके गणित की दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा देने पहुंचे थे। उनके होश फाख्ता हो गए जब उन्हें पहले सेमेस्टर के प्रश्न पत्र थमा दिए गए। प्रश्न पत्र देखकर परीक्षार्थियों का दिल बैठना स्वाभाविक था। कई केंद्रों पर इस तरह की गड़बड़ी हुई। बोर्ड की लापरवाही पता चलने पर हर परीक्षा केंद्र में हंगामा मचा। सूचना बाहर आते ही छात्रों के अभिभावक बेहद नाराज हो गए। ऐसी लापरवाही से छात्रों के परीक्षा परिणाम पर बुरा असर पड़ता है।
अध्यापकों के साथ अभिभावक भी उन्हें ज्यादा परिश्रम के साथ परीक्षा देने की नसीहत देते हैं। अच्छे अंकों के लिए वे इसका पालन भी करते हैं,लेकिन परीक्षा रद होने से उनकी तैयारी धरी रह जाती है। अब छात्रों को मानसिक रूप से स्वयं को दोबारा तैयार करना पड़ेगा। परीक्षा रद होने से उनका सारा शेड्यूल गड़बड़ा गया है। बोर्ड की इस कार्रवाई से छात्रों को गहरा आघात पहुंचा है। ऐसे में उनका मनोबल बढ़ाना चाहिए। देखा जाए तो ऐसी परिस्थिति में बोर्ड के पास कोई और विकल्प भी नहीं था। व्यवस्था के अनुसार तैयार किया गया प्रश्न-पत्र सीधे प्रेस से छपने के बाद पैकेट में परीक्षा केंद्रों की संख्या के अनुसार मुख्यालय को भेज दिए जाते है। क्या इस बीच जांच नहीं की जाती कि मार्कशीट के अनुसार किस विषय का प्रश्न पत्र भेजा जा रहा है। परीक्षाएं आरंभ होने से पूर्व बोर्ड सचिव ने प्रदेशभर का दौरा किया था। साथ ही यह दावा किया था कि परीक्षाएं सुचारु, नकल रहित व बाहरी हस्तक्षेप के बिना संपन्न करवाई जाएंगी। इतनी व्यवस्था के बावजूद प्रतिदिन नकल करने वाले पकड़े जा रहे हैं और एक बड़ी चूक हो गई। कुछ ऐसा ही मामला शिक्ष जगत मैं आग्र्निया रहा अजमेर मैं भी देखना को मिला है । अजमेर की सेंट्रल अकादमी स्कूल मैं आधियनरत ४० विद्यार्थियो को शाला की निदेशक शोभासुमन ने बिना सीबीऍसई से मान्यता के १० वी क्लास मैं परवेश दिया पर एक्साम का सर पर आने का बाद मान्यता नही मिलना की बात कही। स्कूल की ऐसी गलती से जहा ४० विद्यार्थिओं का भविष्य अधर मैं लटका है वही कोई बी बोर्ड आब उनका साथ नही दे रहा।किस स्तर पर गलती हुई है और इसके लिए कौन दोषी हैं, यह बाद में ही पता चलेगा। इसकी जांच करवाकर दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है।

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