आज से ३ आगे पहले नटखट बच्चे आगे पढ़े पोस्ट लिखी थी की " हिन्दी ब्लॉग्गिंग लौंडो -लापाडो के लिए नही है"
उसको १५ कमेन्ट मिले उनसे लोगो ने जवाब माँगा था की आप बता दे किसके लिए हैं लेकिन उसने जवाब नही दिया । मैंने यह पोस्ट कल देखी थी तो सोचा के यह गहन विचार विमर्श का मसला है, क्यूंकि मैंने कई ब्लोग्स पर उम्र मे बडो लोगो को छोटो की खिचाई करते पाया, किसी कम उम्र के व्यक्ति के लिए ऐसा पढ़ कर थोड़ा बुरा लगता है.......
इसीलिए सोचा क्योँ न इस विषय पर विचार किया जाए, लोग कहते है की अक्ल उम्र और तजुर्बे के साथ आती है लेकिन अब यह सब बदल चुका है पहले इंसान की उम्र ९० -१०० साल हुआ करती थी इसीलिए उसका दिमाग एक वक्त के बाद अच्छा चलता था.....लेकिन अब इंसान की उम्र बहुत कम हो गई तो उसका दिमाग काफ़ी तेज़ी से काम करता है, आज कल के बच्चे के सामने आप कोई काम कर दीजिये वो फ़ौरन उसको दौराहेगा और एक - दो कोशिशों मे ही उसे ठीक से कर लेगा और हो सकता है की कुछ दिनों बाद वो उस काम को आप से अच्छी तरह और आप से जल्दी करने का कोई तरीका निकल ले..... आगे पढ़े
22.2.09
हिन्दी ब्लॉग्गिंग किसके लिए है?
Posted by काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arif
Labels: बच्चे, बड़े, ब्लॉग्गिंग
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