भारत में बनी दो और फिल्में 'स्माइल पिंकी' और 'द फाइनल इंच' शॉर्ट डॉक्युमेंटरी फिल्म कैटिगरी में प्रतिष्ठित ऑस्कर अवॉर्ड की दौड़ में हैं। इन दोनों ही फिल्मों की शूटिंग उत्तर प्रदेश में हुई है। पहली डॉक्युमेंटरी फिल्म 'स्माइल पिंकी' 39 मिनट की है। भोजपुरी और हिंदी में बनी यह फिल्म मिर्जापुर की 6 साल की गरीब लड़की पिंकी के इर्द-गिर्द घूमती है। कटे होठों के कारण वह स्कूल जाने और सहपाठियों के साथ घुलने-मिलने से कतराती है। सोशल वर्कर पंकज पिंकी को उस अस्पताल तक पहुंचाता है, जहां कटे होठों की सर्जरी मुफ्त होती है। इससे पता चलता है की हमारा सिनिमा ग्लोबल हो गया है । अब अच्छी फिल्में बनने की उम्मीद जागी है .द फाइनल इंच पोलियो पर आधारित कहानी है.इसका प्रमुख किरदार गुलजार है। उसके दोनों पैर पोलियो से बेकार है .लेकिन वह हतोत्साहित नही है ,जीने और कुछ करने की लालसा रखता है । इस फ़िल्म में दिखलाया गया है की भारत में पोलियो की समाप्ति के लिए क्या प्रयास किए जा रहे है । उम्मीद है स्लम दाग के अलावा ये दोनों फिल्म आस्कर में जरुर कामयाबी हासिल करेगी ।अफ्शोश तब होता है जब मै अपने कई मित्रों से बात करता हूँ और उन्हें इन फिल्मों के बारे में अनजान पाता हूँ । वे नाम भी नही जानते है । लेकिन यही फिल्म भारत की सही तस्वीर प्रस्तुत कराती है।
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