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8.4.09

काश !

काश ! सभी भेड़ बकरियों की तरह ही निरीह होते । आपस में दौड़ नही होती । कोई किसी को नही मारता । कोई किसी को कुचलता नही । सोचो ! कितना अच्छा होता ।

1 comment:

Anonymous said...

Sapne dekhna buri baat nahin hai...
SKGSD>>>