काश ! सभी भेड़ बकरियों की तरह ही निरीह होते । आपस में दौड़ नही होती । कोई किसी को नही मारता । कोई किसी को कुचलता नही । सोचो ! कितना अच्छा होता ।
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अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
1 comment:
Sapne dekhna buri baat nahin hai...
SKGSD>>>
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