चश्मे नम....
चश्मे नम नूर की दुआ जाने ।
क्या है तेरे दिल में है खुदा जाने ?
ख्वाहिशों के जुनूँ में बस यूं ही
आ गए आज हम कहाँ जाने ?
फर्श पर अर्श झुक रहा था कभी
क्या हुआ फिर तेरी सदा जाने ?
मौत को जिंदगी मिली कितनी
तुझसे बेहतर तेरी अदा जाने ॥
--------------------डॉक्टर यशवीर सिंह चंदेल "राही"
3 comments:
मौत को जिंदगी मिली कितनी
तुझसे बेहतर तेरी अदा जाने ॥
मेरा अन्दाज यूं है
जिन्दगी को जिन्दगी से छीनना था
मौत का कैसा हंसीं होसला था
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सस्नेह
श्यामसखा‘श्याम
मौत को जिंदगी मिली कितनी
तुझसे बेहतर तेरी अदा जाने.
badi achchhi line hai,dhanywaad.
मौत को जिंदगी मिली कितनी
तुझसे बेहतर तेरी अदा जाने.
badi achchhi line hai,dhanywaad.
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