केंद्र में शासन कर रही कांग्रेस अब क्षेत्रवाद की राजनीति को बढ़ावा देने पर लगी है कल तक जो पार्टी महाराष्ट्र में राज ठाकरे पर क्षेत्रवाद का आरोप लगा रही थी आज वही पार्टी ठाकरे के सुर में सुर मिला रही है कांग्रेस की यह नीति रही है की वह कभी जातीवाद क्षेत्रवाद की राजनीति नही करेगी लेकिन मुख्यमंत्री अशोक चौहान ने केवल मराठी को परमिट देने की बात कर क्षेत्रवाद को नया लहर दे दिया है मुंबई में जब जब हिंदी भाषायियो पर हमला हुआ है तब कांग्रेस ने ही अपरोक्ष रूप से राज ठाकरे का समर्थन किया है भले ही कांग्रेस यह कहे की हम घटना की जाँच करेंगे और दोषियों को नही छोड़ेंगे लेकिन आज तक मुंबई में किसी को कड़ी सजा नही दी गईतो फिर इसे हम समर्थन नही कहेंगे तो क्या कहेंगे अगर कांग्रेस को यह क्षेत्रवाद रोकना ही है तो क्यों नही अभी तक किसी बड़े नेता को सजा दिया हर हमले के बाद वहा की सरकार बोलती है की हम दोषियों के खिलाफ कड़ी करवाई करेंगे लेकिन जाच के बाद होता क्या होता है सबको पता हैयह बात सोचने पर मजबूर कर देती है की अगर एक राज्य का मुख्यमंत्री चाहे तो क्यों नही राज्य के अंदर हो रहे अराजकता को रोक सकता है लेकिन यहाँ तो खेल कुछ और ही है कांग्रेस कोई ढूध की धूलि नही है की वह क्षेत्रवाद पर रोक लगा पाए यह तो बिहार और यूपी में भी वोट बैंक देख रही है और फिर महाराष्ट्र में दोगली चाल चल रही हैअगर कांग्रेस अपनी यह मानसिकता नही बदलती है तो राहुल गाँधी को खुद अपनी नीति में बदलाव करना पड़ेगा क्योकि वो भी बहुत बिकाश के राजनीति पर चिल्लाते है राज ठाकरे एक क्षेत्रीय दल के नेता है जबकि कांग्रेस देश की सबसे बड़ी पार्टी हैइस नाते भी कांग्रेस के मन में अगर अनेकता में एकता की भावना होती तो तो निश्चित ही मुंबई में इन दंगयियो के खिलाफ कोई कड़ा कदम उठाती अब तो वो भी सुर ताल में जुट गई
प्रशांत राय
22.1.10
कांग्रेस की दोगली नीति
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1 comment:
aap sahi keh rahe prashant ji, darshal maharastra me sasan kar rahi congress ka vote bank khatam ho raha hai shayad isiliye unhe majbooran aisa kadam uthna pad raha hai.
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