बाबू के समाचार के प्रकाशित होते ही सचिवालय में पूरे दिन चर्चा का बाजार पूरी तरह गर्म रहा। अधिकारी एक दूसरे के मोबाइल पफोनों पर सेक्सी बाबू के नाम को लेकर माथा पच्ची करते हुए नजर आए। वहीं सचिवालय के गेट से लेकर अध्किारियों के बंद कमरे तक पूरे दिन चर्चाओं का बाजार पूरी तरह गर्म रहा। वहीं कई अन्य अध्किारी भी इस खबर के बाद बेहद सक्रिय होकर अपनी गतिविधियों पर अब फूंक-फूंक कर कदम रख रहे है। पिछले कापफी समय से कई अधिकारी अपनी ऐसी गतिविधियों को अपने बंद कमरों से अंजाम दे रहे हैं जिससे उन अधिकारियों के छोटे कर्मचारी भी खासे नाराज है। अधिकारियों की गतिविधियों का आलम इस कदर है कि कई-कई घंटो तक फाइलों पर काम निबटाने की एवज में समय बेवजह बर्बाद किया जाता है। पूर्व में सचिवालय की सीवर लाइन चौक होने के चलते जब उसकी सफाई की गई तो वहां मिले कंडोम के सैकडों पैकेटों के साथ-साथ यूज किये गये कंडोमों ने यह बात उजागर कर दी कि बडे पैमाने पर सचिवालय से इस तरह की अनैतिक गतिविध्यिों को अंजाम दिया जा रहा है। जिसकी परिकल्पना शायद ही उत्तराखंड वासियों ने इन अध्किारियों से की हो। अपने कार्यालय में ही धुंए के छल्ले उडाने के साथ-साथ इसे मौज मस्ती का अड्डा जिस तरह से बनाया जा रहा है। वह निकट भविष्य के लिये ठीक नहीं माना जा रहा। मेट्रोपोलिटिंग शहरों की तर्ज पर बढते जा रहे इस स्टाइल ने पूरी कार्य प्रणाली पर ही सवालिया निशान लगा दिया है। वहीं यह सोचने पर भी मजबूर कर दिया है कि क्या सरकारी कार्यालयों में इस तरह के कामों को अंजाम देने वाले अधिकारी ऊंची पहुंच के चलते बचते रहेंगे। गौरतलब है कि बीते दिवस उत्तरांचल दर्पण ने ’सेक्सी बाबू के प्रमोशन‘ को लेकर एक समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था जिसके बाद अब सचिवालय प्रशासन बाबू की तलाश में गोपनीय रूप से जुट गया है। वहीं कई अन्य अधिकारी भी अब अपनी गतिविध्यिों पर फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं।
7.1.10
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1 comment:
कंडोम अधिक से अधिक प्रयोग किये जायें- यह तो सरकार का नारा है. इस पर आपत्ति के जुर्ममें सरकार आपको गिरफ़्तार भी कर सकती है.
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