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8.1.10




परम आदरणीय यशवंत सिंह जी,

आज कल हम अलसी गिरी छोड़ कर आपकी भड़ास नगरी में घूम रहे हैं, बड़ी अच्छी नगरी है लगता है आपने बड़े शौक से इसे बनवाया है, नगरी की साज सज्जा पर भी पानी की तरह पैसा बहाया है, रख-रखाव भी विश्व स्तरीय है, इस सब में बहुत समय लगता होगा। हम आपके कायल हुए। और आप से थोड़ी अलसी गिरी करने की गुज़ारिश करते हैं। इससे आप की कार्य क्षमता बढ़ेगी।

हमें भड़ास नगरी में नेह निमन्त्रण देने के लिए धन्यवाद।

आपका
डॉ. ओ. पी. वर्मा

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