Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

18.3.10

ये कैसा सम्मान...

हम किस ओर जा रहे हैं ये खुद ही सोच सकते है, माना की हमारे देश के लोगों को क्रिकेट से कुछ ज्यादा ही लगाव है इसका मतलब ये नहीं की हम अपने ही देश के उन शहीदों का अपमान करें जिन्होंने हमारे देश की आज़ादी के लिए आपने प्राणों की आहुति दे दी। किंग्स ११ पंजाब की टीम द्वारा आम जनता के स्वागत के लिए शहीदों को चुना। वो शहीद जिनका हमें सम्मान करना चाहिए जिनकी बदौलत आज हम आज़ाद देश के नागरिक है। सचमुच शहीदों द्वारा सम्मान किये जाने वाली ये सोच बहुत हे निंदनीय है... आज क्रिकेट के मैदान में जहाँ चीअर गर्ल्स नाचती कूदती नजर आती है...उन्ही के बीच शहीदों को लाकर खड़ा करना सचमुच बड़ी ही ओछी सोच की पहचान है...

1 comment:

पूनम श्रीवास्तव said...

aapki baat ka mai bhi dil se samarthan karti hun,vastav me ye shahido ka apmaan nahi to aur kya.
poonam