अंदाज ए मेरा: मुहब्बत...: "' कल तुम्हारी आवाज शहर में आई थी, कल चांद दिखा था, लोगों को लगा कि ईद थी कल, कैसे बताऊं जमाने को कि वो तुम्हारा चेहरा था...’ये हद है..."
14.2.11
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अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
अंदाज ए मेरा: मुहब्बत...: "' कल तुम्हारी आवाज शहर में आई थी, कल चांद दिखा था, लोगों को लगा कि ईद थी कल, कैसे बताऊं जमाने को कि वो तुम्हारा चेहरा था...’ये हद है..."
2 comments:
वाह! पसन्द आया ये अन्दाज़-ए-मोहब्बत भी…………प्रेम दिवस की शुभकामनाएँ!
aadab bhai jaan,
kafi bebak andaz hai, pasan hyi aapjki ada,
keepup it,
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