- ''आज मुख्य संघर्ष सुधारवाद और क्रान्तिवाद के बीच का है''-कौशल किशोर
- पुस्तक समीक्षा:उद्भ्रान्त एकदम से प्रचलित मिथकों को सिरे से खारिज नहीं करते
- लम्बी कविता ‘अनाद्यसूक्त’ के लिए वर्ष 2008 का भवानी प्रसाद मिश्र पुरस्कार
- चित्तौड़ में अन्ना हजारे आन्दोलन:-बुजुर्गों के साथ युवाओं की बेहतरीन पारी
- भड़ास के संस्थापक यशवंत सिंह चित्तौड़ में
- ''भ्रष्टाचार से भारत का आम नागरिक तुरन्त निजात चाहता है''-सामाजिक कार्यकर्ता सुशील दशोरा
- देवनारायण जी की फड़ का वाचन हरदा में
- कितना ज़रूरी है हस्तक्षेप
- आलेख:-परिपाटियो और परिभाषाओं को बदल गया एक आन्दोलन
- ‘‘आइसना’’ पत्रकारिता सम्मान के लिए प्रविष्ठियां आमंत्रित
- अन्ना के अनशन समाप्ति पर चित्तौड़ में निकले जुलूस की फोटो रपट
- अलख स्टडीज़,चित्तौड़ में ग्रीन दिवस के नज़ारे
- मल्हार उत्सव का आमंत्रण
- ‘परिकथा’ द्वारा संयोजित काव्य विमर्श और काव्य-पाठ
- प्रेमचन्द्र के समय का किसान आत्महत्या नहीं करता था
- आमंत्रण:स्पिक मैके का पहला ग्रामीण स्कूल अधिवेशन
- चित्तौड़ में मधुस्मिता के ओडिसी ने मन मोहा
- अनुवादित आलेख:-भ्रष्टाचार कभी भी पूरी तरह परिभाषित नहीं हो सका है
- चित्तौड़गढ़ में ‘‘अन्ना हजारे जिन्दाबाद’’,'‘जन लोकपाल बिल लाके रहेंगें'’
- आलेख:-प्रयास करें कि संघर्ष और बेहतर भविष्य के सपने मरे नहीं
- भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी की दो सपाट कवितायेँ
- हिंदी के क्लासिक उपन्यास 'गोदान' के प्रकाशन के पचहत्तरवें साल में
- ''ब्लॉग राइटिंग के बहाने अनपढ़ लोग भी हाथ आजमा रहे हैं''-यशवन्त कोठारी
- ''सृजन मन से निकलता है। प्रयास करने पर रचनाओं का निर्माण नहीं होता''-कवि ओम पुरोहित कागद
- आल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन (आइसना) का प्रांतीय सम्मेलन भोपाल मे
- ''पूरा देश स्पिक मैके के इस आंदोलन से कृतकृत्य है''-डॉ. मनमोहन सिंह
- चित्तौड़ में अन्ना हजारे आन्दोलन की तीन दिनी रपट
- इतिहासकार रामशरण शर्मा नहीं रहे...
- रवीन्द्रनाथ ठाकुर की कविताओं का हिंदी अनुवाद
- चित्तौड़ में स्पिक मैके विरासत का आगाज़ इक्कीस अगस्त,2011 को
- ''बढ़ते आर्थिक संबंधों के कारण हिन्दी का महत्त्व उजागर होने लगा है''-जापान के प्रोफेसर ताकेशि फुजिइ
- आंशिक रूप से चित्तौड़ बंद के कुछ छायाचित्र :महेंद्र खेरारु
- अन्ना हजारे के हित चित्तौड़ में तीजे दिन की फोटो रपट
- यशवन्त कोठारी का आलेख:-अन्ना के बहाने हाथ साफ़ करते लोग
- अन्ना के हित चित्तौड़ में निकले मौन जुलूस की फोटो रपट
- ‘सुखिया मर गया भूख से’ की समीक्षा:'देश आजाद हुआ, लेकिन होरी आजाद नही हुआ'
- ''किसी पागलपन में शामिल न होने का मतलब यह नहीं होता कि हम निष्क्रिय हैं'':-अशोक कुमार पाण्डेय
- अन्ना के समर्थन में चित्तौड़ में निकले मशाल जुलूस की फोटो रपट
- चर्चित ग़ज़ल संग्रह 'आमीन' के लिए मिला अंतरराष्ट्रीय पूश्किन सम्मान
- लेखक से मिलिए कार्यक्रम में 'कवि ओम पुरोहित कागद'
- ‘अन्ना हजारे एवं अन्य साथियों की गिरफ्तारी के विरूद्व निन्दा प्रस्ताव’
- अन्ना हजारे की गिरफ्तारी का लेखकों व संस्कृतिकर्मियों द्वारा विरोध
- युवा गीतकार अवनीश सिंह चौहान को प्रथम कविता कोश सम्मान
- ''संग्रह ‘रंग छवियां’ के नाटक वर्तमान समय की विद्रूपताओं और विदू्रपूताओं पर प्रहार करते हैं''-प्रो. भंवर सिंह सामौर
- सौरभ राय 'भगीरथ' की नई कविता 'उत्थिष्ठ भारत'
- साहित्य अकादेमी के बाल साहित्य पुरस्कार 2011 की घोषणा
- संस्मरण:-डॉ. सत्यनारायण व्यास की सेवानिवृति के बहाने
- ''उच्च 'शिक्षा को भी स्कूल शिक्षा की ही अगली कड़ी के रूप में देखना भारतीय जनमानस की एक बहुत बड़ी भ्रांति'':-डॉ. सदाशिव श्रोत्रिय
- ''हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम-विस्फोट की गूंज 'अंधा युग' में''-डॉ.रेणु व्यास
- भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्वास कानून 2011:-राष्ट्रव्यापी अभियान के हित ज़रूरी अपील
- डॉ. अजीत कुमार सारस्वत् का तुकांत देशभक्ति गीत
- ‘मैकलुस्कीगंज’ मेरे लिए जागी आंखों का सपना है।’- विकास कुमार झा
- देर सबेर आया अंक 'सबलोग' का
- ''पूँजी से जुड़ा हुआ ह्रदय बदल नहीं सकता''-मुक्तिबोध
- प्रदेश मीडिया कार्यशाला 4 सितम्बर को चित्तौड़ में
- 'लोकतंत्र, इंसाफ और सामाजिक समानता के मूल्यों के लिए भीषण संकट'-मंगलेश डबराल
- '''हिंदी के लेखकों में बाज़ार को लेकर रोना-धोना करने का एक खास प्रचलन हुआ है''-डॉ. दुर्गा प्रसाद अग्रवाल
- 'कविता कोश' का अस्तित्व सिर्फ सामुदायिक प्रयासों से ही संभव है''-ललित कुमार
- रेणु व्यास का शोध पूरा:-गंभीर गद्य-लेखक और वैश्विक मानवता के महान् चिन्तक ‘दिनकर’
- 'आज का दौर कहता है कि मीरा से इतर भी देखना होगा'-बी.एल.सिसोदिया
- बाजारवाद और भारत में अमरीका की नकल से उपजे कुप्रभावों पर कथन का वर्तमान अंक
- पुस्तक समीक्षा:-जयप्रकाश मानस का कविता संग्रह 'अबोले के विरुद्ध'
- आलेख:-क्या इस समृद्धि के साथ इस समाज का मानसिक विकास हुआ है?
- वर्षा:कभी मुग्धा नायिका की तरह हो जाती है तो कभी प्रौढ़ प्रगल्भा
- मालवी गीत:'झम झम झम झम होई रे'
- प्रेरणा के लिए अतीत में झांकने के बजाय भविष्योन्मुखी रहना पसंद करता व्यक्तित्व रघुवीर सहाय
- जंतर मंतर पर अब भोजपुरी वाले भी
- स्पिक मैके राजस्थान की नई कार्यकारिणी घोषित
- भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार-2011 अनुज सिमडेगा को
- '' जहां कविता गरिष्ठ एवं अबोधगम्य हुई है तो घोर लापरवाही के चलते लद्धड़ गद्य''-महेश चंद पुनेठा
- प्रथम कविता कोश सम्मान 2011 में आप आ रहे ना ?
- 'अपनी माटी' वेबपत्रिका का अगस्त-2011 अंक
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