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28.9.11

बोलो कायस्थ

* [त्रि - हाइकु ]
मूर्खता में है
हिंदुत्व का भला या
बुद्धिमत्ता में ?
पाखंड में मुक्ति या
कला - संस्कृति -
विज्ञान की सिक्षा में ?
बोलो कायस्थ ! #

* मृत्यु का भय
लग गया , समझो
हम तो मरे । #

* [बदमाश कविता ]
मैं तुम्हारी हूँ
तुम्हारी रहूंगी ,
वह तो
इमेरजेंसी के लिए
पति पाल रखा है । #
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2 comments:

Markand Dave said...

वह तो
इमेरजेंसी के लिए
पति पाल रखा है ।

Very nice..!!

Ugra Nagrik said...

Thanks, Sir !