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23.9.11

आज बस इतना ही...........

पकडो कल की बाते कल कि बात निराली, नये दौर मे भी है कल की बात सयानी
हम भारतवासी हम भारतवासी
आज भी है दादी मां के नुस्खे जोड रहे है बीमारो को
फिर से घर मे भेज रहे है.

आगे फिर कभी......

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