* गरीबी के साथ
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मेरा एक सिद्धांत है कि जीवन को गरीबों की तरह जियो । ज़ाहिर है , उसे जी तो पाओगे नहीं । तब तुम गरीबों का जीवन -स्तर उठाने की सोचोगे , उसके लिए प्रयास , आन्दोलन करोगे । तब तुम उनके उस नए जीवन स्तर को जीने के लिए नैतिक रूप से अधिकारी हो जाओगे । #
* विचार
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कहीं लोकपाल की तरह ही तो नहीं था अंग्रेजी शासन ? जिसको चाहता राजा बना देता , नहीं चाहता तो कुप्रबंधन -
अयोग्यता का आरोप लगाकर राज्य मुक्त कर देता ! बड़ोदा के मल्हार राव गायकवाड , दिल्ली के बहादुर शाह ज़फर , अवध के नवाब वाजिद अली शाह आदि अनेक उदहारण होंगे उस काल के इतिहास में । इसलिए मुझे तो दर लगने लगा है किन्ही लोकपालों से । #
* [हाइकु ]
कितना सोचूं
अपनी रुग्णता को ?
छोड़ो , जाने दो । #
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28.9.11
गरीबों के साथ
Labels: Citizens' blog
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