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25.9.11

सर्व धर्म समभाव की थीम पर संतोष मित्र स्क्वायर दुर्गापूजा

शंकर जालान



कोलकाता। बीते 10-12 सालों से बेहतरीन पंडाल बनाने और कई पुरस्कार जीतने वाली संतोष मित्र स्क्वायर सार्वजनीन दुर्गोत्सव समिति इस बार सर्वधर्म समभाव पर दुर्गापूजा आयोजित कर रही है। समिति के प्रमुख प्रदीप घोष ने बताया कि बीते साल यानी 2010 में राइटर्स बिल्डिंग की तर्ज पर पूजा पंडाल बनाया गया था और इससे पहले 2009 में अमेरिका स्थित स्टेचू आॅफ लिबर्टी की आकृति का पंडाल बनाया गया था।
उन्होंने बताया कि इस साल मदन डेकोरेटर्स के सैकड़ों कारीगर इस बार सर्व धर्म समभाव पर पूजा पंडाल बना रहे हैं वहीं बिजली सज्जा देवाशीष इलेक्ट्रिक और प्रतिमा बनाने का काम मोहनवासी रुद्रपाल कर रहे हैं। घोष ने बताया कि पानी का जहाज, बिलासपुर ट्रेन हादसा, कारगिल युद्ध, अक्षरधाम मंदिर, संतोषपुर सड़क दुर्घटना, नैनो कारखाना समेत देश-दुनिया की कई प्रमुख घटनाओं को पंडाल का आकार दिया गया है। उन्होंने बताया कि संतोष मित्र स्क्वायर के पूजा पंडाल का उद्घाटन 30 सितंबर को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एमके नारायणन के हाथों होगा। इस मौके पर सांसद दीपा दासमुंशी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप भट््टाचार्य समेत कई जाने माने लोग बतौर अतिथि मौजूद रहेंगे।
घोष ने बताया कि बड़े बजट की पूजा को साकार रूप देने में डेकोरेटर के एक सौ से ज्यादा करीगर बीते तीन महीने से पंडाल निर्माण में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार 120 फीट चौड़ा, 135 फीट लंबा और 90 फीट ऊंचा पंडाल बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पंडाल निर्माण में प्लाईवुड, लकड़ी, कपड़ा और थर्माकोल का इस्तेमाल किया जा रहा है।
उनके मुताबिक पूजा पंडाल में आए लोगों के सर्व धर्म समभाव का संदेश लोगों को मिलेगा ही। साथ ही विकास, सौंदर्यीकरण और हरियाली के महत्व को भी समझ पाएंगे। घोष ने बताया कि समिति के बैनर तले 1936 से पूजा आयोजित होती आ रही है, लेकिन पिछले 10-12 सालों से यहां की पूजा ने जो ख्याति अर्जित की है उसका बयान शब्दों में नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि संतोष मित्र स्क्वायर में जितने लोग पूजा देखने आते हैं उतने लोग शायद अन्यत्र नहीं जाते होंगे। यहां के बेकाबू भीड़ को देखते हुए प्रशासन को कई बार रैफ (रेपिड एक्शन फोर्स) तैनात करनी पड़ी है।
घोष ने बताया कि पानी के जहाज के शक्ल वाले पंडाल तो इतना चर्चित हुआ था कि विसर्जन के कई सप्ताह बाद तक लोग पंडाल देखने आते रहे। उसके बाद से समिति ने हर साल एक विशेष थीम को ध्यान में रखकर दर्शनीय व भव्य पंडाल बनाने का बीड़ा उठाया। घोष ने बताया कि इस बार भी प्रतिमा तो परंपरागत ही रहेगी, लेकिन हमारे पंडाल में रखी मूर्ति मूर्तिकार की अद्भुत कल्पना की परिचायक होगी।
बिजली सज्जा के बारे में उन्होंने बताया कि देवाशीष इलेक्ट्रिक के लोग इंद्रधनुषी रोशनी बिखेरने में सक्रिय रूप से लगे हैं। बिजली सज्जा के लिए कोई थीम तो नहीं निर्धारित की गई है, लेकिन जरूर हैं कि देखने वाले को स्तरीय लगेगी। उनके मुताबिक सात अक्तूबर को प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा। इससे पहले पूजा पंडाल में सिंदूर खेला का आयोजन होगा।

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