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22.9.11

ईन्जीनीयरिंग के छात्र ने रोजगार गारंटी में काम किया…!!!


 महात्मा गाँधी रोजगार गारंटी योजना ग्रामीण अंचलो में पलायन रोकने और रोजगार प्रदान कराने का एक अनूठा कार्यक्रम है. विश्व के किसी भी देश में इस तरह की अभिनव योजना को आज तक लागू नहीं किया गया है.  लेकिन  इसका लाभ वास्तव में जिन गरीबो को मिलना चाहिए क्या उन्हें मिल पा रहा है, यह एक बड़ा सवाल है.

मनरेगा योजना से अब लोगो का मोह भंग हो चुका है उसका मुख्य कारण  इसमें व्याप्त भ्रष्टाचार है. कटनी जिले में इस योजना में तो जमकर चूना लगाया जा रहा है यदि कोई लाभान्वित हो रहा है तो वह है सरपंच और सचिव. जो कभी साइकिल पर चलते थे वे आज चार पहिये में चल रहे है इनकी आय से अधिक संपत्ति का व्योरा लेने वाला न तो कोई जनप्रतिनिधि है और न ही जनता.

बुधवार  को रीठी में आयोजित रोजगार गारंटी योजना समस्या निवारण शिविर एक असफल कार्यक्रम रहा जिसमे जनता की मौजूदगी बिलकुल नहीं थी क्योकी  इस शिविर के बारे में कोई भी प्रचार प्रसार नहीं किया गया था.
 फिर भी खानापूर्ति के लिए लगाए गए इस शिविर में भ्रष्टाचार का एक ऐसा मामला आया  जिसमे अधिकारी कर्मचारी बगले झाकते नजर आये. ग्राम पंचायत घनिया के प्रशांत परोहा ने आपने आवेदन में  जो सवाल पूछे उसपर कोई भी अधिकारी संतोषप्रद उत्तर न दे सके.


प्रशांत परोहा निवासी ग्राम कछार खेडा   पंचायत घनिया ने अपने आवेदन में उनके तथा उनके परिवार के लोगो के नाम से रोजगार गारंटी योजना में कार्य दर्शाकर तत्कालीन सरपंच, सचिव द्वारा राशि के आहरण का आरोप लगाया.
आवेदक ने अपनी शिकायत की पुष्टि में नेट से निकाले दस्तावेज भी सलग्न किये थे.


इन दस्तावेजो में कुछ इस प्रकार से राशी निकालने का विवरण था


जॉब कार्ड
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम
जॉब कार्ड संख्या:MP-44-001-003-003/88परिवार पहचान पत्र:88
परिवार के मुखिया का नाम:कुंजबिहारी
वर्ग:OTH
पंजीकरण की तारीख:4/1/2007
पता:34¼1½
गांव:KACHHAR KHEDA
पंचायत:DHANIYA
ब्लॉक:rithi
जिला:KATNI(मध्य प्रदेश)
क्या बीपीएल परिवार है:NOपरिवार पहचान पत्र:88
इ पी आई सी क्रमांक:
काम करने के इच्छुक परिवार के आवेदनकर्र्ताओं का विवरण
क्र.सं.आवेदक का नामलिंगआयुखाता कंमांकबैंक/डाक घरAadhaar No
1शशीमहिला40001003003008801 
2प्रशांतपुरूश15001003003008802 
3हर्षितामहिला13001003003008803 
4नित्यामहिला10001003003008804 
5कुंजबिहारीपुरूश45001003003008810 

आवेदक के हस्ताक्षर/अंगूठे का निशान
                
पंजीकरण प्राधिकारी की मुहर तथा हस्ताक्षर



क्र.सं.मांग संख्याआवेदक का नामरोजगार किस महीने और किस तारीख से चाहिएदिनों की संख्या
1137283प्रशांत11/02/20084
2151980शशी23/03/20083
3151981हर्षिता23/03/20083
422210प्रशांत19/05/20082
522209शशी19/05/20082
622211हर्षिता19/05/20082
750639प्रशांत09/09/20085


क्र.सं.मांग संख्याआवेदक का नामरोजगार किस महीने और किस तारीख से चाहिएदिनों की संख्या
1137283प्रशांत11/02/200832कपिल धारा कुप निर्माण प्रेम लाल धनिया
2151980शशी23/03/200812तालाब विस्‍तार कार्य धनिया
3151981हर्षिता23/03/200812तालाब विस्‍तार कार्य धनिया
422210प्रशांत19/05/200812नवीन तालाब निर्माण किरहानाला झरीखेडा
522209शशी19/05/200812नवीन तालाब निर्माण किरहानाला झरीखेडा
622211हर्षिता19/05/200812नवीन तालाब निर्माण किरहानाला झरीखेडा
750639प्रशांत09/09/200828तालाब विस्‍तार कार्य धनिया

Period and Work on which Employment Given

क्र.सं.आवेदक का नामरोजगार किस महीने और किस तारीख से चाहिएदिनों की संख्याप्रदाय राशि
1शशी23/03/20083तालाब विस्‍तार कार्य धनिया60972207
2हर्षिता23/03/20083तालाब विस्‍तार कार्य धनिया60972207
3प्रशांत19/05/20086नवीन तालाब निर्माण किरहानाला झरीखेडा64577414
4शशी19/05/20086नवीन तालाब निर्माण किरहानाला झरीखेडा64577414
5हर्षिता19/05/20086नवीन तालाब निर्माण किरहानाला झरीखेडा64577414
6प्रशांत09/09/20085तालाब विस्‍तार कार्य धनिया60979345


प्रशांत परोहा की माँ शशि परोहा जो शिक्षा गारंटी शाला कछार खेडा  में अध्यापन कार्य कर रही थी उनके नाम से 9  दिनों के मजदूरी, प्रशांत की बहन हर्षिता  जो इस समय ईन्जीनीयरिंग कर रही है को भी 9  दिन, स्वयं प्रशांत के नाम से 11  दिनों की मजदूरी की राशी निकाली गयी है जबकि वर्ष 2008  में प्रशांत जबलपुर में खालसा ईन्जीनीयरिंग कालेज का छात्र  था. 


गौरतलब है की परोहा परिवार को आज तक जाब कार्ड नहीं दिया गया है और न ही उनके परिवार ने कभी भी पंचायत से काम की मांग की. फिर भी उनके नाम से विधिवत राशी का  आहरण कर लिया गया.


 प्रशांत का कहना है की उपस्थित अधिकारी कर्मचारियों ने जो मस्टररोल की प्रतिया दिखाई वे अधूरी थी.


 शिविर में उपस्थित कर्मचारी बरगलाते रहे और नेट की जानकारी को  गलत फीडिंग दर्शा रहे थे.. जबकि आवेदक  का कहना है की आज सारी दुनिया नेट पर निर्भर है, आनलाइन सारा काम हो  रहा है और नेट से विद्यार्थियों की मार्कशीट भी स्वीकार की जा रही है तो फिर मनरेगा की फीडिंग को कैसे  गलत बता रहे  है. 


और यदि यह जानकारी गलत है तो फिर नेट पर फीडिंग करने वाले  कर्मचारी को उसके परिवार के नाम कैसे पता चल गए...?


प्रशांत ने बताया की उसकी पंचायत  के ऐसे सैकड़ो नाम है जिनने कभी काम नहीं किया और उनके नाम से  भी पैसा  निकाला गया है. इसके पहले भी प्रशांत ने दिसंबर 2009 को मनरेगा के वेबसाईट पर आनलाइन शिकायत करी थी और इस सम्बन्ध में कटनी  कलेक्टर शेल्वेंद्रण व जिला पंचायत सी ई ओ शशि भूषण सिंह से मिला  था तथा इन जिम्मेदार अधिकारियों ने उसे आश्वाशन दिया था लेकिन बड़े आश्चर्य की बात है की   अठारह माह के  बाद भी  इस शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.


जिले की प्रशासनिक व्यस्था से छुब्ध प्रशांत ने कहा की अगर अब भी उसे न्याय न मिला तो वह जनता को जागरूक करेगा और रोजगार गारंटी में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ जन आन्दोलन भी करेगा.


 फिलहाल उसने जनहित याचिका लगाने का  मन बना लिया है. 


 केजरीवाल से प्रभावित प्रशांत ने कहा की एक पढ़े लिखे व्यक्ति को केजरीवाल बनने में जयादा समय नहीं लगेगा. 
फिलहाल भरष्ट तंत्र से आक्रोशित  प्रशांत ने अंत में यही कहा...धन्य है कटनी जिले की प्रशासनिक व्यवस्था...?

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