मोहब्बत की खुशबू से महकी गोंधिया की गलियां | |
सागर-संगीता ने मोहब्बत की जीत ली जंग
मोहब्बत के आगे झुका जमाना, सात फेरे ले हो गए एक दूजे के बिजुआ खीरी । कहते हैं कि रिश्ते आसमान में तय होते हैं, नहीं मानते तो गोंधिया गांव के सागर और संगीता को देख लीजिए। दाउदपुर में जन्मी संगीता कुछ साल पहले अपनी मां के साथ गोंधिया गांव रहने आ गई, संगीता पास में रहने वाले सागर से प्यार की पैंग बढ़ा बैठी। इनके इश्क की खबर जब घर वालों को मिली तो दोनो के मेल-जोल पर पाबंदी लग गई। लेकिन यह दीवारें इन्हें रास न आई, और दोनों इस बेरहम जमाने को अलविदा कहने निकल पड़े, पहले सागर ने जहर खा लिया, और फिर संगीता ने भी। .....लेकिन पिक्चर अभी बाकी थी। दोनाें को रब ने जिंदगी बख्शी और दुश्मन जमाना भी मान गया। सोमवार को सारे गांव के सामने सागर ने संगीता को अपना हमसफर बना लिया। गोंधिया गांव के रामधार गौतम के दो बेटे केशव और सागर हैं, बड़े बेटे का ब्याह हो चुका है। छोटे बेटे सागर ने किताबी पढ़ाई तो नही की लेकिन प्रेम के ढाई अक्षर जरूर पढ़ लिए। हुआ यह कि सागर पड़ोस में रहने वाली संगीता से प्यार कर बैठा, घर वालों को जब दोनो के प्यार के बारे में पता चला, तो दोनाें की तरफ से इनके प्यार पर बंदिशें लग गई। लेकिन ये बंदिशें इन्हें कहां मंजूर थी। लगभग एक पखवारा पहले संगीता ने अपनी मां से कहा कि वह शादी करेगी तो सागर से, खुलेआम इकरार से कोहराम मच गया। संगीता के घरवालों ने पाबंदी और कड़ी कर दी। मुश्किलें बढ़ती देख सागर को लगा कि अब इस जिंदगी में तो मिलना हो न सकेगा, सो इसी शनिवार को उसने जहर खाकर जान देने की कोशिश की। घर वाले सागर को लेकर अस्पताल गए और इधर संगीता ने भी जहर खा लिया। यह इत्तेफाक ही था कि दोनों को एक ही अस्पताल में भर्ती कराया गया। रब ने दोनों प्रेम पुजारियों को जिंदगी बख्श दी। सोमवार को जब दोनों को गांव लाया गया तब तक दोनों ही परिवार का नजरिया बदल चुका था बस लोकलाज का परदा उनके बीच था जिसे पंचायत ने हटा दिया। उनकी मोहब्बत पर घर वालों के साथ पंचायत ने भी मंजूरी की मुहर लगा दी। तय हुआ कि मंगलवार से पितृपक्ष शुरू हो रहा है इसलिए सोमवार को इनके फेरे करा दिए जाएं। चंद घंटों में ही उनका विवाह तय हुआ और मेहमान आ गए। शाम को गांव के प्रधानपति मुश्ताक समेत तमाम मुअज्जिज लोगों के सामने सागर ने संगीता के साथ सात फेरे लेकर सात जन्मों का साथ निभाने की कसमें खाईं। मुश्किल से ही सही आखिर उनका प्यार परवान चढ़ गया।
साभार -अमर उजाला
अब्दुल सलीम खान
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14.9.11
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