वही चेहरा वही आँखें वही सूरत निकली
मैंने जो दिल में बसाई थी वही मूरत निकली
तुम आए तो आँखों को भी यकीं भी ना हुआ
मेरे ख्वाबों की हर ताबीर हकीकत निकली
तेरे लिए हर बार यही सोचकर करती हू दुआ
हर दुआ खुदा की रूह से होकर निकले
अपने चेहरे को देखने की लिए जब देखा आइना
मैंने जो दिल में बसाई थी वही मूरत निकली
तुम आए तो आँखों को भी यकीं भी ना हुआ
मेरे ख्वाबों की हर ताबीर हकीकत निकली
तेरे लिए हर बार यही सोचकर करती हू दुआ
हर दुआ खुदा की रूह से होकर निकले
अपने चेहरे को देखने की लिए जब देखा आइना
मेरे चेहरे पर तेरे अक्स की चादर निकली
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