प्रकाशनार्थ
सेवा में
संपादक महोदय
विषय : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा 40 कर्मचारियों को निकालने के विरोध में सिंघद्वार पर शुरू हुयी भूख हड़ताल।
महोदय , आज दिनाँक 27 अगस्त 2015 को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के जल एवं विद्युत विभाग में कार्यरत 40 संविदा कर्मचारियों ने पिछले 3 दिन से चल रही भूख हड़ताल को जारी रखा , ज्ञातव्य है की इन आंदोलनकारियों में 2 से लेकर 20 वर्ष तक अपनी सेवाएं देने वाले कर्मचारी भी शामिल है। परीक्षा लेकर और असफल करके इन्हे कार्यमुक्त करना इनके श्रम अधिकारों एवं मानवाधिकारों के साथ घोर अन्याय है। इनके अनुभव को ध्यान में रखते हुए इन्हे किसी भी समुचित योग्य स्थान पर समायोजित किया जा सकता था।
बीएचयू प्रशासन की इस क्रूरतापूर्वक की गयी तानाशाही के खिलाफ क्रमशः छबिनाथ सिंह, उमेश गिरी, सन्नी बिरहा,उपेंद्र कुमार एवं सुनील कुमार भूख हड़ताल पर बैठे हैं, आंदोलनकारियों ने कहा की हम जीवन भर यंहा काम करते रहे अब बच्चो महिलाओं और बूढ़े माता पिता के साथ सपरिवार भूखों मरने की नौबत आ गयी है, हम विकल्पहीन है हम यंहा बैठने के अलावा और कर भी क्या कर सकते है ? घर में भूखे मरने से अच्छा है की यंहा भूख हड़ताल करके मरा जाये। आज से इसी वजह से हम 5 लोग आमरण अनशन पर हैं। आंदोलन कारियों की एक ही मांग है की संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण हो।
आंदोलन स्थल पर सोशलिस्ट पार्टी की ओर से डॉ संदीप पाण्डेय समर्थन देने पंहुचे और मैग्सेसे पुरष्कार प्राप्तकर्ता डॉ संदीप पाण्डेय ने विवि के शिक्षक समाज की ओर से भी समर्थन का भरोसा दिलाया और उचित मँच आप कर्मचारियों की बात उठाने का भी आश्वाशन दिया है। आंदोलनस्थल पर प्रमुख रूप से डॉ संदीप पाण्डेय, छविनाथ सिंह, सन्नी बिरहा, छबिनाथ सिंह, उमेश गिरी, सन्नी बिरहा, उपेंद्र कुमार , सुनील कुमार, धनञ्जय त्रिपाठी,चिंतामणि सेठ, चन्दन पटेल, मनोज कुमार, गोरखनाथ, प्रेम सोनकर आदि लोग भरी संख्या में मौजूद रहे।
प्रेषक
चिंतामणि सेठ
9450857038
27.8.15
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा 40 कर्मचारियों को निकालने के विरोध में सिंघद्वार पर शुरू हुयी भूख हड़ताल
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