मुरादाबाद : कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे पर प्रतिबन्ध को लेकर विश्लेषकों ने इसे अखिलेश सरकार की नई परम्परा बताते हुए प्रतिबन्ध को राजनैतिक फायदे का सौदा कहां है। उल्लेखनीय है कि पश्चिमी यूपी में सावन माह के दौरान एतिहासिक कांवड यात्रा के साथ परम्परागत रूप से गीत-संगीत व डीजे बजाने की वर्षो पुरानी रिवाज पर प्रतिबन्ध लगाने के प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार के फैसले की हिन्दू व मुस्लिम सहित सभी वर्गो द्वारा चौतरफा निन्दा की जा रहीं है। लोग समझते है कि आखिर आस्था के सैलाब पर अपनी शर्त थोपने के निर्णय को सरकार ने किस वजट से लिया है।
मुस्लिम नेताओं का कहना है कि डीजे से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। प्रसिद्ध आर.टी.आई. एक्टिविस्ट व चिन्तक सलीम बेग का कहना है कि डीजे पर रोक लगा जगह-जगह धार्मिक उन्याद पैदा कर अखिलेश यादव सरकार राजनैतिक फायदे के लिए यह कदम उठा रहीं है। प्रसिद्ध समाज शास्त्री डॉ0 मुस्तकीम का कहना है पश्चिमी यूपी हाल ही में साम्प्रदायिक उन्याद के हादसे से उबरा है अब सरकार डीजे पर रोक लगा जनाकोश को क्यों हवा दे रहीं है जब डीजे के बनजे से किसी भी वर्ग को आपत्ति नहीं है। फिर भला सपा सरकार विवाद को जन्म क्यों दे रहीं है। भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ0 मोमराज गुर्जर का कहना है कि असल में सपा सरकार ही मोर्चे पर विफल हो चुकी है। इसलिए जनता का ध्यान बांटने को डीजे पर रोक लगाकर आक्रोश को जन्म दिया जा रहा है। बहर हाल डीजे को लेकर छिडी बहस में प्रदेश सरकार घेरे में आ रहीं है तथा डीजे पर प्रतिबंध को अदूरदर्शिता भरा कदम उठा रहीं है।
महिपाल सिंह
9837906477
6.8.15
अखिलेश यादव सरकार ने राजनैतिक फायदे के लिए कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे पर पाबंदी लगाई
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