-प्रियंक द्विवेदी-
15 अगस्त 1947..एक ऐसा दिन जिस दिन भारत अंग्रेजों के अत्याचारों से मुक्त हुआ था। सारे देश में खुशी की लहर छा गई थी। इस साल यानी 15 अगस्त 2015 को हमारे देश को आजाद हुए 68 साल पुरे हो जाएंगे। इन 68 सालों से हम आजादी में जी रहे हैं, लेकिन एक सवाल आज भी है कि आखिर महिलाओं को आजादी कब मिलेगी?
आजादी के 68 सालों बाद भी महिलाओं को हमने गुलाम बनाकर रखा है। आज भी हम महिलाओं पर अत्याचार कर रहे हैं। आज भी हम दहेज न मिलने पर महिलाओं को प्रताड़ित करते हैं। हम महिलाओं के साथ बलात्कार करके सड़कों पर फेंक देते हैं या उसको मारकर उसकी लाश को पेड़ पर लटका देते हैं। आज भी लड़कियों को पैदा होने से पूर्व ही पेट में मार दिया जाता है। अगर सीधा- सीधा कहा जाए तो पुरूषों के लिए महिलाएं सिर्फ एक उपयोगी सामान बन चुकी है या यूँ कहें तो गुलाम बना लिया है महिलाओं को पुरुषों ने।
हमारे देश के संविधान में सबको समानता का अधिकार दिया गया है चाहे पुरुष हो या स्त्री। लेकिन इस अधिकार का असर कम ही दिखाई देता है। आज भी कई स्थानों पर महिलाओं के साथ समानता का व्यवहार नहीं किया जाता। उन्हें बार-बार ये अहसास कराया जाता है कि आप एक लड़की हैं और आपसे यह काम नहीं होगा या नहीं कर सकती। ये बहुत गलत बात है। अगर 68 सालों बाद भी महिलाओं को समानता का अधिकार नहीं मिला तो ये कहना शायद गलत नहीं होगा कि भारत सिर्फ पुरुषों के लिए ही आजाद हुआ था, महिलाओं के लिए नहीं।
तो सवाल ये उठता है कि आखिर महिलाओं को आजादी कब मिलेगी? तो शायद जिस दिन महिलाओं के साथ समानता का व्यवहार किया जाएगा, जिस दिन महिलाओं को गंदी नजरों का सामना नहीं करना पड़ेगा और महिलाओं के मन में किसी बात का भय नहीं रहेगा। उस दिन हम कह सकते हैं कि महिलाओं को भी आजादी मिल गई। और महिलाएं भी पुरुषों की भांति समाज में रहेंगी।
प्रियंक द्विवेदी
भोपाल
priyank dwivedi
priyank.kumar.dwivedi@gmail.com
14.8.15
महिलाओं को आजादी कब मिलेगी?
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