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6.7.20

आजमगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार सिंह पर एफआईआर दर्ज करने की कड़े शब्दों में निंदा

नई दिल्ली (6 जुलाई) : भारतीय श्रमजीवी पत्रकार संघ की राष्ट्रीय इकाई ने आजमगढ़ में जनहित के मुद्दे को उठाने और निजी अस्पतालों के मनमानी तथा मानकों की जांच की मांग करने पर वरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार सिंह और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों पर एफआईआर दर्ज करने की कड़े शब्दों में निंदा की है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय सिंह ने उत्तरप्रदेश पुलिस महानिदेशक से पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच एवं पत्रकार पर मुकदमा दर्ज करने वाले पुलिस पदाधिकारी के विरुद्ध कार्यवाई की मांग की है।बीएसपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इसे चौथे स्तंभ पर हमला करार देते हुये कहा है कि पुलिस को पत्रकारों के विरुद्ध मामला दर्ज करने की कुछ अधिक जल्दबाज़ी रहती है।

श्री सिंह ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कई बार पत्रकारों की गिरफ्तारी को लेकर यह मौखिक निर्देश दिया है कि समाचार संकलन को लेकर पत्रकार के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने वालों को दंडित किया जाना चाहिये उसके बावजूद पुलिस का रवैया हमेशा इकतरफा कार्यवाई का रहता है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने इस मामले में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार से श्री मृत्युंजय कुमार से तत्काल हस्तक्षेप कर न्याय दिलाने की मांग की है। संघ की  उत्तर प्रदेश इकाई ने सर्वसम्मति से पुलिस प्रशासन की कार्यशैली की कड़े शब्दों में निंदा की है।

आजमगढ़ पुलिस के इस कृत्य की घोर निंदा की गयी है जिसमें मुकदमें में वादी बने आजमगढ़ आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) को शामिल किया गया है। आजमगढ़ के पत्रकारों ने कहा है कि राज्य सरकार तत्काल इस प्रकरण में न्याय करे, हम अरविंद कुमार सिंह को वर्षों से जनहित और मूल्य परक पत्रकारिता के लिए जानते हैं. 'मीडिया समग्र मंथन', जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रम से उन्होंने आजमगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वांचल का नाम देशभर में नये सरोकारों के रूप में पहुंचाया है। ऐसे क़लमकार के विरुद्ध इस तरह का षडयंत्र लोकतंत्र की आवाज़ दबाने का कुत्सित प्रयास है जो सर्वथा अनुचित है। हम राज्य सरकार से अस्पतालों की निष्पक्ष जाँच की मांग और पत्रकार के साथ न्याय करने की मांग करते हैं।

शाहनवाज़ हसन
राष्ट्रीय संगठन सचिव
भारतीय श्रमजीवी पत्रकार संघ
नई दिल्ली

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