आदरणीय संपादक जी
दैनिक जागरण/ अमर उजाला/ हिंदुस्तान
अलीगढ
विषय : डॉ वक़ार हार्ट सेंटर के पूर्ण रूप से अवैध होने और ग्रीन बेल्ट में बने होने के बावजूद खबर न लगाने और प्रार्थी के खिलाफ खबर को प्राथमिकता से प्रकाशित करने के सन्दर्भ में
आदरणीय,
गत एक वर्ष से मैं अलीगढ के धोर्रा-क्वार्सी बाईपास स्थित ग्रीन बेल्ट में बने अवैध निर्माण को लेकर मैं संघर्ष कर रहा हूँ | तमाम प्रामाणिक साक्ष्यों के साथ डॉ वक़ार हार्ट सेंटर और इंस्टिट्यूट को यह साबित कर चूका हूँ कि वह ग्रीन बेल्ट में अफसरों की मिलीभगत से बना हुआ है | तमाम शिकायतों के बाद भी उसपर अफसरों ने कोई कार्यवाही नहीं की है | प्रशासन ने आप सबकी जानकारी में होते हुए ही मेरे खिलाफ दवाब बनाने के लिए ग्रीन बेल्ट में अवैध निर्माण करने वाली रसूखदार डॉ अलवीरा के से थाना क्वार्सी में एफआईआर दर्ज कराई है जो कि पूरी तरह से फर्जी है | ब्लेकमेल करने के सबूत या साक्ष्य आजतक अलवीरा पेश नहीं कर पाई है |
मान्यवर, मैं यह देख रहा हूँ कि मेरे खिलाफ आने वाली डॉ अलवीरा की ख़बरों को प्राथमिकता से प्रकाशित किया जाता है | राष्ट्रीय लोकदल का नेता दिखाया जाता है जबकि कहीं भी इस प्रकरण में मैंने रालोद के नाम का प्रयोग नहीं किया है | वहीँ मेरे द्वारा ग्रीन बेल्ट में नियमो-कानूनों को ठेंगा दिखाकर अफसरों की मिलीभगत से बने डॉ अलवीरा के अवैध निर्माण की ख़बरों को दबा दिया जाता है | दिनांक 25 जुलाई 2020 को मेरे द्वारा भेजा गया प्रेस नोट भी प्रकाशित नहीं किया गया |
मान्यवर, मैं यह अच्छी तरह जानता हूँ कि अख़बारों में विज्ञापन पार्टी के दवाब होते हैं, उनकी शर्ते होतीं हैं और तमाम मजबूरियां होती हैं | लेकिन यह भी हमें समझना चाहिए कि सच्चाई और समाज से जुड़े मुद्दे के लिए लड़ रहे व्यक्ति का साथ देना भी हमारा नैतिक दायित्व है | विज्ञापन पार्टी का नाम न लिखें लेकिन खबर को स्थान मिलना चाहिए हालाँकि यह विशेषाधिकार आपका अपना है | लेकिन मैं यही कहूंगा कि मेरा गुनाह सिर्फ इतना है कि मैं एक पूर्व मंत्री की बेटी और पूर्व मंत्री की बहन के खिलाफ आवाज उठा रहा हूँ | हो सकता है कि यह लोग कल प्रशासनिक तंत्र से मिलकर मेरी हत्या करा दें या मुझे झूठे मुकदद्मों में जेल भिजवा दें लेकिन मैं यह लड़ाई जारी रखूँगा |
आपसे यही अपेक्षा करता हूँ कि आप मेरा साथ दें, मेरी आवाज बने और आवाज किसी कारणवश न भी बन सके तो मेरे खिलाफ झूठे आरोपों पर मेरा पक्ष अवश्य लें |
आपसे सहयोग की अपेक्षा के साथ ...
आपका
जियाउर्रहमान
संपादक- व्यवस्था दर्पण
सामाजिक कार्यकर्ता
94543917147
29.7.20
दैनिक जागरण, अमर उजाला और हिन्दुस्तान के सम्पादकों को लिखा पत्र- आपकी मज़बूरी समझता हूँ!
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1 comment:
जिया साहब उपरोक्त प्रमुख अखबारों के अतिरिक्त अलीगढ़ मण्डल के अन्य समाचार पत्रों के पत्रकारों का भी सहयोग लें तो अच्छा रहेगा,क्योंकि लड़ाई पहले घर के लोगों को साथ लेकर लड़नी चाहिए
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