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9.3.09

ये जख्म गहरा है.......कोई मरहम दे दे .....

ये जख्म गहरा है
कोई मरहम दे दे ।
मेरी प्यास है बड़ी
कोई सागर दे दे ।
तिल तिल कर मर रहा
कोई एक उमर दे दे ।
अँधेरा गहरा रहा
कोई चाँद की नजर दे दे ।
ये जख्म गहरा है
कोई मरहम दे दे ।

1 comment:

हिमांशु पाण्‍डेय said...

सचमुच दर्द काफी गहरा है।
मरहम देने हम गये ऒर मर-हम गये
बहुत बहुत शुक्रिया