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7.9.11

आतंकियों का दोष कहाँ, नेताओं की शय है दोस्त.

वन्दे मातरम दोस्तों,

जब हत्यारों को हम, दामाद की मानिंद पालेंगे,
नेतागण वोटों की खातिर, जब तक इन्हें बचालेंगे.
तब तक ऐसे हमलों में, नित लोग मरेंगे तय है दोस्त,
आतंकियों का दोष कहाँ, नेताओं की शय है दोस्त.

आई बी के अलर्ट पर, क्यों पुलिस नही होती गंभीर,
महज राजनैतिक विरोधियों पर, भांजते रहते हैं शमसीर,
मेरे घर घुस मुझको मारें, इतनी इनकी औकात नही,
लौह पुरुष सरदार पटेल सी, चिदम्बरम में बात नही.

कुत्तों सी अपने घर में, नेता करते जूतम पैजार,
पुलिस और प्रशासन को, जेबें भरने से नही फुर्सत यार,
अपने घर में भेद भाव के, बीज जिन्होंने बोये हैं,
उनके ही कारण भारत माँ के, लाखों नैना रोये हैं,

आतंक खात्मे की वास्तव में, इच्छा शक्ति है तुममे अगर,
जेलों से निकाल कर जिन्दा ही, इन्हें जला दो चौराहे पर,
क्यों करते इनपे करोड़ों खर्च, क्या ये बाप तुम्हारे हैं,
या तुम्हारे मुंह में नोटों की, ये जूती डारन हारे हैं.

गांधी, नानक, गौतम के देश में, भगत, शिवा बन जाना होगा,
अपने हत्यारों का गला रेट कर, इनको सबक सिखाना होगा,
खाल खींच कर इनके जिस्म से, मिर्च हमे भरनी होगी,
हर तिमाही में अन्यथा, लाखों गोदें सूनी करनी होगी.

जुर्म के सामने शान्ति गीत, अहिंसा नही कायरता है,
नौनिहाल या नौजवान, मेरा ही भाई मरता है,
मौत चीज क्या होती है, हमको इन्हें बताना होगा,
मौत के सौदागरों के दिल में, मौत का डर बिठलाना होगा.

 

3 comments:

रविकर said...

जात - पांत न देखता, न ही रिश्तेदारी,
लिंक नए नित खोजता, लगी यही बीमारी |

लगी यही बीमारी, चर्चा - मंच सजाता,
सात-आठ टिप्पणी, आज भी नहिहै पाता |

पर अच्छे कुछ ब्लॉग, तरसते एक नजर को,
चलिए इन पर रोज, देखिये स्वयं असर को ||

आइये शुक्रवार को भी --
http://charchamanch.blogspot.com/

रविकर said...

सरकार को शायर की जरुरत-Apply On-Line
कायर की चेतावनी, बढ़िया मिली मिसाल,
कड़ी सजा दूंगा उन्हें, करे जमीं जो लाल |

करे जमीं जो लाल, मिटायेंगे हम जड़ से,
संघी पर फिर दोष, लगा देते हैं तड़ से |

रटे - रटाये शेर, रखो इक काबिल शायर,
कम से कम हर बार, नया तो बक कुछ कायर ||

आदरणीय मदन शर्मा जी के कमेंट का हिस्सा साभार उद्धृत करना चाहूंगा -
अब बयानबाजी शुरू होगी-
प्रधानमंत्री ...... हम आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देंगे ...

दिग्गी ...... इस में आर एस एस का हाथ हो सकता है

चिदम्बरम ..... ऐसे छोटे मोटे धमाके होते रहते है..

राहुल बाबा ..... हर धमाके को रोका नही जा सकता...

आपको पता है कि दिल्ली पुलिस कहाँ थी?
अन्ना, बाबा रामदेव, केजरीवाल को नीचा दिखाने में ?????

रविकर said...

हिन्दी में था निमंत्रण, बिगत बार भी मित्र ||
चर्चा मंच पे आइये, कहाँ गए अन्यत्र ??

http://charchamanch.blogspot.com/