कहते है हिन्दुस्तान में व्यापार और उससे जुड़े लोग देश के साथ अपने आप को बदलने की कोशिश करते है पर वो बदल नही पाते /
11.3.08
सिफारिश लाल की पत्रकारिता--और यह दूकान
पत्रकारिता क्या है ? यह सवाल आपने ....मैंने कई बार उठाये पर जो जवाब आया वो मायूस करने वाला था /आजादी से 1857में वरान्कुलर प्रेस एक्ट लगा उसके साथ ही अंग्रेजो ने यह स्पष्ट कर दिया की हिन्दुस्तानियो की पत्रकारिता अपने रूप में विस्तार कर रही है जो खतरनाक है ...शायद वरान्कुलर प्रेस एक्ट
इसी बात का एक सबुत था ??????????
खैर बात चमचमाते हिन्दुस्तान की ....aaj tak ,ndtv star news ,india tv हिन्दुस्तान जो फ़िर पत्रकारिता मी विस्तार कर रहा है ...सवाल उठता है यह नई पत्रकारिता क्या है ?
सर्वे के मुताबिक १०००० पत्रकार पैदा होते है ..जी जनाब १०००० पत्रकार ...यह वह पत्रकार है जो जबरदस्ती पैदा किए जाते है ...इन सबकी अपनी -अपनी दुकाने जो पैसा लेती है और पत्रकार बना देती है और जब यही जमात इन चेनलो ....[aaj tak ,ndtv star news ,india tv ] में जाती है तो इसका हाल देखकर गणेश शंकर को भी दुःख होता होगा /यह दुःख उस वक्त और ज्यादा हो जाता है जब इन दुकानों की फेहरिस्त मे दिल्ली विश्व विद्यालय भी आ जाता है / रेडीमेड पत्रकारों को यही दूकान पत्रकारिता का सर्वनाश कर रही है /सिदांत की बात करने वाली दिल्ली विश्व विद्यालय के रेडीमेड पत्रकारों का हाल तो उससे भी बुरा है ना तो इनके लिए कोई ....[aaj tak ,ndtv star news ,india tv ] है मोजूद है तो सिर्फ़ कुछ दिलासे जो हर साल दिए जाते है
शायद पत्रकारिता का यह हाल देखकर खालसा कॉलेज के पत्रकारिता के छात्रों ने ब्लॉग लिखना शुरू कर दिया है ......शायद ब्लॉग का माध्यम उनके लिए उस अंधेरी गली के उस डरावने रास्ते से भी बचा सकता है जहा सिर्फ़ सिफारिश लाल जिंदाबाद के नारे लगते है ना की पत्रकारिता के /
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