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2.7.08

इंजीनियर बनने की बारी आई तो रूठ गई तकदीर, कैसर के चलते काटना पड़ा था पैर




कल जो खबर डाली गई थी, उसमें शेष पृष्ठ दो पर.. वाला पार्ट शामिल नहीं था। आज इसमें शेष वाला पार्ट भी शामिल कर लिया गया है। तस्वीर पर क्लिक कर इसे बड़ा करें, फिर पढ़ें।
((अमर उजाला, गोरखपुर के एडीटर केके उपाध्याय और उनकी संपादकीय टीम के हम शुक्रगुजार हैं जिन्होंने न सिर्फ करूणाकर के मामले को पूरी संवेदनशीलता के साथ उठाया बल्कि उसे लगातार मुद्दा बनाए हुए हैं। आज भी वहां करूणाकर पर खबर है जिसमें सारे ताजे डेवलपमेंट का जिक्र है। उम्मीद करते हैं कि आज की कटिंग भी जल्द ही भड़ास के पास पहुंच जाएगी।))

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