जाने माने गायक और अमिताभ जी कि आवाज़ निकालने वाले श्री सुदेश भोंसले जी चित्तौड़ में आ रहें हें मेरे शहर में अगली ९ जनवरी को वे आ रहे हें, उनका स्वागत हे,लेकिन उनसे मिलने कि इतनी भी इच्छा नहीं हे कि ३०० रुपये का टिकट खरीद कर देखने जाऊं. बहुत सारा धन्यवाद आयोजकों को कि उन्होंने ऐसा अच्छा प्रोग्राम करवाने कि कोशिश तो की.वेसे अमूमन ऐसे प्रोग्राम में वे लोग जरुर जाते हें जिन्हें अपनी शान के अनुरूप यहाँ जाना अछ्जा लगता नहीं बल्कि जाने से इज्जत बढती हो.बहुत से ऐसे भी होते हे जो अपने मिलाने वालो की सहायता से च्जले जाते हें. अक्यी बार बाद में खाली रही सीटों पर देखने वालों को घर बसे बुलाया जाता हों.कुछ भी हो ऐसे आयोजन से शहर का नाम भी तो होता है.
शहर शहर माना जाने लगता है वरना कुछ लोग अच्छे भले शहर को भी गाँव ही करते रहते हैं.क्या मालूम था की ज़िन्दगी में बड़े लोगों से मिलने के लिए भी टिकट लेना पडेगा. बचपन में तो गाँव में महात्मा लोगों आते थे. पिताजी ऐसे ही मिला लाते थे.खैर वक्ता भी तो बदल रहा है ना.
जो लोग वहाँ जाके आते हें. बहुत दिन तक तो कहते रहते हे कि वे कही बहुत महात्मा जी से मिलकर जेसे कोई बड़ी सिद्धि ले आये हों.भले ही उन्हें संगीत कि समझ हो या नहीं.चलो बाकी कि भड़ास फिर कभी
माणिक,आकाशवाणी उद्घोषक,स्पिक मैके कार्यकर्ता,अध्यापक,
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2.1.10
आज कल के शो बाजी के बड़े प्रोग्राम पर मेरा मन
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