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15.1.10

लो क सं घ र्ष !: ठाकरे का नया फ़तवा

शिवसेना के बाल ठाकरे ने घोषणा की है कि महाराष्ट्र की धरती पर ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट की टीम को खेलने नहीं देंगेपाकिस्तान के बाद ऑस्ट्रेलिया दूसरा देश होगा जिसको शिवसेना ने क्रिकेट खेलने से मना किया हैबाल ठाकरे का तर्क है कि ऑस्ट्रेलिया में भारतीयों के ऊपर नस्लवादी हमले हो रहे हैं उसका जवाब हम दे रहे हैंइससे पूर्व में मुंबई में रहने वाले उत्तर भारतीयों के ऊपर शिवसेना कुनबे ने हमले किये थेबाल ठाकरे समझते हैं कि उनकी हिटलरी सनक से महाराष्ट्र चलता हैआज जरूरत इस बात की है कि बाल ठाकरे जैसे प्रान्तीयतावादी, नस्लवादी नेताओं के खिलाफ कठोर कदम उठाया जाए क्योंकि उनकी समझ कुछ मुट्ठी भर लोगो को लेकर गुंडा गर्दी के अतिरिक्त कुछ नहीं हैभारतीय लोकतान्त्रिक समाज में इस तरह के घृणापद विचार और हरकतों से देश का कतई भला नहीं होने वाला है बल्कि छोटी मानसिकता वाले लोगो से नुकसान ही होता हैऑस्ट्रेलिया में अगर बाल ठाकरे जैसी मानसिकता वाले लोग अगर भारतीय लोगों पर हमले कर रहे हैं तो वहां का कानून अपना कार्य करेगा प्रत्येक व्यक्ति को कानून लागू करने दण्डित करने का अधिकार किसी भी सभी समाज में नहीं होता है एक निश्चित प्रक्रिया के तहत कानून तोड़ने वाले लोगो को दण्डित किया जाता है समाज प्रगति पर हैबाल ठाकरे जैसे लोग आदिम अवस्था में जीते हैं और फतवे जारी करते हैं
बाल ठाकरे कि अगर सरकारी सुरक्षा व्यवस्था हटा ली जाए तो वह सियार कि तरह से मांद में पड़े नजर आयेंगे तब उनको लोकतंत्र, न्याय, कानून अपने आप समझ में आ जाएगा।

सुमन
loksangharsha.blogspot.com

4 comments:

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

narayan narayan

Unknown said...

दोस्त आपके आलेख में आपका आक्रोश स्पष्ट दिख रहा है | वाजिब भी है ,एक कहावत आपने सुनी होगी की कुत्ते भी अपने घर में शेर होते हैं |ये सिर्फ़ आपकी समस्या नहीं है |ऐसे लोगों से देश परेशान है जिसके लिए लोकतंत्र और उसकी व्यवस्था उसकी रखैल है|आपकी आक्रोश का स्वागत है

Sadhak Ummedsingh Baid "Saadhak " said...

संघर्ष नहीं, समझ से बनेगी राह.
संघर्ष से आज तक कोई मसला हल नहीं हुआ
अब तक जो भी हुआ, समझ से हुआ.
आगे जो भी होगा, समझ से ही होगा.
sahiasha.wordpress.com

Unknown said...

समझदारी का सुसर फ़ोकत मे बटे है