मेडम हो गयी स्वस्थ ....! पाइये अब चार सौ सहस्त्र...!!
नियति का चक्र विचित्र होता है इसकी चाल समझ के परे होती है. जैसे ही बाबा योग से रोग भगाने दिल्ली पहुँचे
तो रातोरात अस्वस्थ बना दिए गये. उठाकर फेका जब उन्हें हरी के द्वार तो यमराज फिर से ठेल गये और उनकी जगह मेडम को ले जाने की तैयारी करने लगे .बेचारे द्वारपाल आनन- फानन में पाताल की और छिपा आये .
अब अस्वस्थ मेडम पाताल में स्वास्थ्य लाभ उठाये तभी छा गयी पुरे देश में सुनामी . सुनामी में बची रही जनता, फँस गये मदारी और फँसते देख मदारी पाताल में लेटी रही दुलारी . अभी न जाना .........टोपी के जाने पर आयेंगे ...! मगर टोपी को लेने जब यमराज उतरा , हुआ यूँ इस तरह उल्टा ,....की टोपी को उतार छत्र पहना गया काल का बन्दा . रोये सब मदारी,क्यों अस्वस्थ है महारानी .
काल ने छत्र का राज्याभिषेक तय करवाया तब मेडम की टोपी उतर गयी. उतरी भी ऐसे की वापस सर पर
पहन ना पाये.जैसे -तैसे जुगाड़ लगा नयी पेबंद मारी ,सर में फिर से फँसायी, आने की टिकिट बनवायी मगर हाय, रे किस्मत !हरामी, दिवाली से पहले खेल गये खून की होली .
मगर वो ठहरे चमच्चा के चमचा,बोले - मेडम मुस्कराई ,हमारी जान में जान आई .अब आप दीवार पर फोटो लगवाइये और चार सौ सहस्त्र पाईये .
1 comment:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ||
बधाई |
और बधाई ||
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