[dreamstimes से साभार ]
आग लगे विकिलिक्स को ;खोले मेरी पोल ,
सत्ता-रस-आनंद में दिया कटु विष घोल ,
जो सैंडल मंगवाई थी ;भेज के एक विमान ,
उससे उसको पीट दूं ;बस इतना है अरमान .
शिखा कौशिक
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
Labels: politician
3 comments:
khoob, bahut khoob.
maqbool
शिखाजी ये नारी के अरमान है इनको उमडने से कोई रोक नही सकता फिर चाहे वो माया हो या जयललिता हां यदि बात ममता बनर्जी कि हो तो बात अलग है
व्यंग के लिये बधाई.
सुन्दर प्रस्तुति ...हार्दिक बधाई ...
कोसीर... ग्रामीण मित्र !
Post a Comment