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8.9.11

भारत को चौथा हार्ट अटैक

भारत को चौथा हार्ट अटैक
कहा जाता है कि तीन हार्ट अटैक के बाद कोई बचता नहीं। मगर बेशर्म भारत चौथे हार्ट अटैक के बाद भी जिंदा रहा। 11 लोगों का खून लेकर हमारा अखण्ड भारत एक बार फिर मजबूत हुआ। धन्य यहां के नेता जिनकी बदौलत हमें ऐसे सुखद नजारें दिख रहे हैं। आतंकवादियों के आपरेशन ने हमें एक और नई जिंदगी दे दी है। हमारा आजीवन आतंकियों और देशी गद्दारों (नेताओं) के कर्जदार रहेंगे।


एक और बरसी मुबारक
दिल्ली में एक और बम ब्लास्ट से हमें एक सुखद दिन और मिल गया है। वह दिन दूर नहीं जब हमारा देश बरसी के रिकार्ड में सबसे आगे होगा। मैं तो कहता हूं कि हमारे प्रधानमंत्री को पहले से ही गिनीज बुक और लिम्बा बुक आफ रिकार्ड में इस रिकार्ड को शामिल करने की अर्जी दे देनी चाहिए। संसद, मंदिर और न्यायालय में बम विस्फोट हो चुुके हैं। काश ऐसे ही बम धमाके जल्दी-जल्दी होते रहें तो हम इस मुकाम को हासिल करने वाले दुनिया के अव्वल देश में गिने जायेंगे। जय हिन्द

तो नेताओं पर हमले क्यों नहीं होते?
देश में एक तरफ लगातार बम धमाके हो रहे हैं। आम नागरिकों की जानें जा रही हैं। ऐसे में नेताओं पर हमले न होना शंका को जाहिर करते हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि नेता जनता का ध्यान बदलने के लिये ऐसी हरकतों को अंजाम दे रहे हैं। भले ही गद्दार इससे इंकार करे मगर हमारे देश के नेता कुछ भी कर सकते हैं, यह बाकी लोग जानते हैं। वरना जो आतंकी देशवासियों को निशाना बनाते हों उनके निशाने पर पहले तो देश के नेता होने चाहिए।

हम सब एक हैं?
हादसे के बाद प्रधानमंत्री महोदय ने जनता से शांति बनाये रखने की अपील की है। अरे हम तो हमेशा ही शांत रहे हैं। नामर्दी बढ़ाने के सिवाय तुमने कुछ किया नहीं और दर्द सहने और रोने के सिवाय हमने भी कुछ किया नहीं। फिर तो हम सब एक हैं ही। डरपोक भारतवासियों तुम्हें शत-शत नमन।

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