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12.9.11

बस यही सुनना बाकी था....



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सुना है अब दिल्ली हाई कोर्ट बम धमाके की जांच अमेरिका की जांच एजेंसिया करेगी क्या हमारे देश मे संघीय सरकार नही है पह्ले तो सरकार का रिमोट दस जनपथ से चलता था अब क्या अमेरिका के व्हाइट हाउस से चलने लगा सोनिया गांधी अपना इलाज कराने अमेरिका जाती है , हमारे बम्बई हमले का आरोपी हेडली अमेरिका की खुफिया एजेंसी टांग ले जाती है हमारे माननीय मन्त्री अमेरिका में जांच के नाम पे नंगे कर दिये जाते है आर्थिक सुधार के नाम पे तमाम तरह की पाबंदिया हम पे थोपी जाती है वाल मार्ट , कोका कोला, पेप्सिको,जनरल मोटर्स आदि कम्पनियो का कबाड फेंक दिया जाता है हमे जो विश्व बैंक कर्ज देता है उसे कैसे खर्च करना है उसके लिया USAID  नाम से  monitoring संस्था को भेज दिया जाता हैजिनका मुख्य काम ईसाईयत  के लिये काम करना चीन का हव्वा दिखाकर अपना सैन्य कबाड हमारे देश में भेजना उत्तराखंण्ड के ग्लेशियर पर नाभिकीय ऊर्जा से संचालित जासुसी उपकरण स्थापित करना और दो बार बर्फ के तुफान मे नष्ट होने के बाद रेडिएशन के खतरे मे मरने के लिये भारतीयो को छोड देना अमेरिका की मौका परस्त मानसिक्ता का प्रतीक है भारत को नाभकीय कचडे का डम्पिग ग्राउंड बना के रख दिया है हमारी सरकार अमेरिका हित मे ही
काम रही है अमेरिका जो अपने हित के लिये पाकिस्तान के साथ था अब भारत के साथ खडे होने का दावा कर रहा है जबकी सच ये है कि आज अमेरिका के बराक ओबामा अपने बेरोजगारो के लिये काम की तलाश कर रहे है
अमेरिका को मंदी से बचाने के लिये भारत जैसे विकासशील बाजार की तलाश मे दाने डाल रहा है भारतीय वायु सेना का सबसे बडा सौदा अमेरिका के हाथ लगा अमेरिका ने और आगे बढ के भारत को नाटो मे शामिल होने का मौका दे दिया है हम दावा करते है हम इक शकितशाली राष्ट्र होने के करीब क्या खाक है अपनी राजधानी की सुरछा तो होती नही और चले है नाटो की सेना का हिस्सा बनने..................

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