अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
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17.9.11
जिनको पलकों पर रखा और बातों पर एतबार किया
आज उसी साथी ने दिल पर एक करारा वार किया
हाय हमारे भोलेपन का हुआ नहीं एहसास उन्हें
जिनके भोलेपन पे प्रीतम ने खुद को लाचार किया
कुंवर प्रीतम
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