* हमारे बुज़ुर्ग मित्र एक एक करके हमसे छिने जा रहे हैं । शायद अंतिम कड़ी के रूप में वयो वृद्ध श्री के के जोशी इस माह [९/११] चले गए । वे संशय वादी सेकुलर , पत्र लेखक थे , इन्डियन ह्युमनिस्ट यूनियन के संस्थापक । उनसे मैंने मानव वादी दर्शन के बारे में बहुत कुछ सीखा । उनका जीवन मन्त्र था -Man is important । वे बहुत पढ़ने वाले जीव थे ।अब उनके बाद हम लोगों का ही नम्बर है, तो हम तैयार भी हैं । उन्हें हमारी श्रद्धांजलि । # * हिंदी में फॉण्ट की दिक्कतें देखते हुए विचार आता है कि अपनी हिंदी कवितायेँ भी रोमन लिपि में लिखा करूँ । अब ब्लॉग me भी परेशानी ho रही hai । Reliance too, is not reliable. # [उवाच -व्यक्तिवाचक ]
19.9.11
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