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3.9.11

NOT A BAD IDEA LALU JI !





मीरा  ने करवाए दी मेरी निद्रा भंग ; 
यूँ भी बैठ के सोने से हो जाता हूँ तंग ,
लेकर पटना से आऊंगा अबके अपने संग ,
संसद में बिछ्वाऊंगा बढ़िया एक पलंग !
शिखा कौशिक 

3 comments:

Shalini kaushik said...

bahut sahi socha hai lalu ji aapne.sarthak prastuti shikha ji

रविकर said...

बहुत ही प्रभावी प्रस्तुति ||
सादर अभिनन्दन ||

रविकर said...

चारा अब चारा नहीं, चारो और चुहाड़ |
खाते पीते लूटते, जाय कठौता फाड़ |


जाय कठौता फाड़, मवेशी दिन भर ढोवै |
कदम कदम पर रोज, रात मा कांटे बोवै |


मीरा रही जगाय, जगाये गोकुल सारा |
सोवै घोडा बेंच, मरे क्या अब बेचारा ??